हिमाचल प्रदेश की इतनी पंचायतों में अभी तक नहीं पहुंची सड़कें

हिमाचल प्रदेश में नेशनल हाईवे  राज्य सड़क मार्ग, जिला की सड़कों और प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की हालत दयनीय है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के मंडी जिले समेत अन्य मंत्रियों के गृह जिलों की सड़कों की हालत भी खस्ता है। यही हाल पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और अन्य नेताओं के हलकों के भी हैं। सड़कों की स्थिति ठीक नहीं है। ज्यादातर सड़कें संकरी और गड्ढों वाली हैं।

हिमाचल प्रदेश
किनारों पर रेलिंग न होने से सड़क हादसे हो रहे हैं। हिमाचल में हर महीने ढाई सौ के करीब वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं। लोकसभा और विधानसभा चुनाव के चलते पार्टियां सड़कों की दयनीय हालत पर एक-दूसरे पर आरोपों की छींटाकशी करती हैं, लेकिन वास्तव में इन्हें दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठाई जाती है।

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शिमला-कांगड़ा नेशनल हाईवे में जगह-जगह गड्ढे पड़े हैं। इसी तरह सुजानपुर से जयसिंहपुर की ओर जाने वाली सड़क से सफर करना जोखिम भरा है। जिला मंडी के राज्य मार्ग तत्तापानी से करसोग और तत्तापानी से बिंदला जाने वाली सड़क में सफर करना खतरे से खाली नहीं है।

पांगणा, जाछ और पंडार की सड़कों में भी जगह-जगह गड्ढे पड़े हैं। राजधानी शिमला की बात करें तो यहां भी लिंक रोड की हालत दयनीय है। प्रदेश सरकार सड़कों को दुरुस्त करने के बजाय प्रमुख अभियंता और मुख्य अभियंता को सेवा विस्तार देने में लगी है।

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