हरियाणा से जंगम बाबा का दल पहुंचा कुम्भ, देखने को मिली अनौखी रोनक

रिपोर्ट- सैय्यद आकिब रजा

प्रयागराज। जैसे जैसे महाकुम्भ का पहला शाही स्नान करीब आ रहा है। कुम्भ नगरी इलाहबाद के कुम्भ शेत्र में अनोखी रौनक देखी जा रही है। 13 अखाड़ो और हज़ारो साधू संतो से घिरे कुम्भ शेत्र में हर जगह जय जयकार के नारे सुनाई दे रहे है।

इसी कड़ी में जंगम बाबा का एक दल कुम्भ क्षेत्र पहुंचा है। जंगम बाबा ये खास तरह के बाबा होते है। जो खानदानी शिव भक्त होते है और केवल साधू संतो से ही दान भिक्षा लेते है ।

ये सभी कुम्भ के दौरान 13 अखाड़ो में जा कर वहां के साधू संतो को शिव भक्ति से जुड़े गानो को गाते है। शिव की महिमा सुनाते है और साधु संतों से, नागा सन्यासियों से दान दक्षिणा लेते हैं।

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जंगम बाबा कुम्भ के दौरान ही आते हैं। आदिकाल से ही इनकी यह परंपरा चली आ रही है। जंगम बाबा शिव के जयकारे लगाते हैं और श्रृष्टि की रचना का पाठ गाना गा के बताते हैं।

जंगम बाबा की मानें तो इनका जन्म शिव जी के जांघ से हुआ है। इनके सिर पर मोरपंख लगा हुआ होता है। जिनसे इनकी पहचान होती है। ये शिव की कथा और शिव के ही नाम से दान दक्षिणा लेते है।

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यह सभी जंगम बाबा पंजाब, हरियाणा से आते हैं। अखाड़ो के साधु की माने तो इनको दान देना अनिवार्य होता है। इनमे ख़ास बात यह है की ये साधू संतो से दान लेते है जो खुद ही आम श्रधालुओं से दान लेते है।

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