बरेली कैफे कांड: मुख्य आरोपी ऋषभ ठाकुर की गिरफ्तारी के लिए एसओजी तैनात, छह गिरफ्तार लेकिन फरार अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर

बरेली के राजेंद्र नगर स्थित डेन कैफे में एक नर्सिंग छात्रा की बर्थडे पार्टी के दौरान हुई मारपीट और तोड़फोड़ के मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। मुख्य आरोपी ऋषभ ठाकुर अभी भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसएसपी अनुराग आर्य ने एसओजी की दो टीमें लगाई हैं। प्रेमनगर और सुभाषनगर थाने की पुलिस भी उसकी तलाश में जुटी हुई है।

मामला 27 दिसंबर का है, जब कैफे में छात्रा अपने हिंदू और मुस्लिम दोस्तों के साथ बर्थडे सेलिब्रेट कर रही थी। आरोप है कि ऋषभ ठाकुर और उसके साथियों ने ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाते हुए कैफे में घुसकर हंगामा किया, दो मुस्लिम युवकों की पिटाई की और तोड़फोड़ मचाई। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो वायरल होने के बाद मामला गरमाया।

फरार ऋषभ ठाकुर ने सोशल मीडिया पर भगवा गमछा डालकर वीडियो जारी किया, जिसमें उसने खुद को ‘सनातनी रक्षक’ बताया और दावा किया कि वह कुछ गलत नहीं किया। उसने दूसरे समुदाय के लड़कों को हिंदू लड़की के साथ देखकर विरोध किया था। वीडियो में उसने पुलिस पर पक्षपात का आरोप लगाया और सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई।

बजरंग दल ने खुद को मामले से अलग कर लिया है। संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि ऋषभ ठाकुर को अनुशासनहीनता के कारण पहले ही निष्कासित किया जा चुका था और उसकी निजी हरकतों की जिम्मेदारी संगठन नहीं लेता।

पुलिस ने कैफे मालिक शैलेंद्र गंगवार की शिकायत पर ऋषभ ठाकुर, दीपक पाठक और 25 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में कबूल किया कि वे ऋषभ और दीपक के बहकावे में आए थे।

ऋषभ ठाकुर पुराना शातिर, जिला बदर भी घोषित

सुभाषनगर थाना प्रभारी जितेंद्र सिंह के अनुसार, ऋषभ पर चोरी और जानलेवा हमले के पुराने मामले दर्ज हैं। उसे जुलाई में चोरी के मामले में जेल भेजा गया था। अगस्त में जिला बदर का आदेश जारी हो चुका है, लेकिन वह पुलिस को नहीं मिल सका। उसका परिवार किराए के मकान में रहता है।

एसएसपी अनुराग आर्य ने साफ कहा कि अगर कैफे में कुछ गलत हो रहा था तो पुलिस को सूचना दी जा सकती थी। कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ कोई रियायत नहीं होगी। मजबूत चार्जशीट दाखिल की जाएगी।

सोशल मीडिया पर मामले को लेकर बहस छिड़ी हुई है। कुछ लोग कार्रवाई को सही बता रहे हैं तो कुछ गलत। पीड़ित छात्रा ने कहा कि उसके दोस्तों को धर्म के आधार पर पीटा गया, जिससे उसकी जिंदगी प्रभावित हुई है।

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