स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय सभा में चार प्रस्ताव हुए पारित
रिपोर्ट – संजय पुंडीर
हरिद्वार। विगत 2 दिनों से प्रेम नगर आश्रम में चल रही स्वदेशी जागरण मंच की राष्ट्रीय सभा का आज समापन हो गया उत्तराखंड की राज्यपाल बेनी रानी मौर्य द्वारा इस राष्ट्रीय सभा का उद्घाटन किया गया था स्वदेशी के प्रचार-प्रसार के आवाहन और आर्थिक सामाजिक औद्योगिक के विषय में चार प्रस्ताव पारित करने के साथ संपन्न हुई।
साथी ही 11 वर्षों के पश्चात राष्ट्रीय स्तर पर संगठनात्मक फेरबदल भी हुआ जिसमें मदुरई के राष्ट्रीय सह संयोजक आर एस सुंदरम को स्वदेशी जागरण मंच का राष्ट्रीय संयोजक नियुक्त किया गया साथ ही देश के विभिन्न भागों में संगठनात्मक फेरबदल की भी घोषणा की गई जिसमें दक्षिण और मध्य भारत के विभिन्न राज्यों मैं संगठनात्मक फेरबदल और उनके विस्तार के लिए राज्यों का विभाजन किया गया।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक डॉ अश्वनी महाजन ने राष्ट्रीय सभा में पारित हुए प्रस्ताव के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय सभा के अंतिम दिन चार प्रस्ताव पारित किये गए हैं जिसमें कृषि, रोजगार डाटा सावरेंटी तथा देश में सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्योगों के डिसइनवेस्टमेंट विषय में स्वदेशी जागरण मंच की अवधारणा मान्यताओं और विचारों के अनुरूप प्रस्ताव पारित किए गए जिसमें सर्वप्रथम देश में किसानों की चिंता करते हुए पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए कृषि को उन्नत बनाने वाले किसानों के हितों की रक्षा करने की बात कही गई।
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दूसरे प्रस्ताव में देश के उद्योग की चिंता करते हुए किसान मजदूर की बात करते हुए हर हाथ को काम देने के लिए रोजगार उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया साथी लघु कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन ,बुनकर ,शिल्पकार,छोटे दुकानदार ,थेली ,पटरी वाले को संरक्षण देने की बात भी कही गई सबसे महत्वपूर्ण तीसरे प्रस्ताव में देश में बढ़ रही कॉमर्स पर चिंता प्रकट करते हुए विदेशी हाथों में जा रहे ।
हमारे डाटा गोपनीय जानकारियों को संरक्षित रखने के लिए डाटा सावरेंटी का प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित किया गया साथ ही चौथे प्रस्ताव के रूप में पूर्ववर्ती सरकारों और वर्तमान सरकार के द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों को समाप्त करने बेचने की नीति का विरोध करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों में काम करने वाले मजदूरों को संरक्षण देने की बात कही गई और सरकार की डिसइनवेस्टमेंट नीति का विरोध किया गया।
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पूर्व राष्ट्रीय संयोजक और वर्तमान में सह संयोजक के रूप में नियुक्त हुए अरुण ओझा ने कहा कि देश में जितने भी जन संगठन कार्य करते हैं उनका कार्य होता है सरकार के ऊपर दबाव उत्पन्न करना हमें विश्वास है हमारे इस प्रस्ताव सरकार विचार करेगी और इस तमाम योजनाओं में परिवर्तन लाएगी अगर सरकार द्वारा इस में परिवर्तन नहीं लाया गया तो हम संघर्ष करेगे सरकार द्वारा किए गए।
प्रस्तावों का हम विरोध करते हैं स्वदेशी जागरण मंच 30 वर्षों से देश में आर्थिक नीतियों के नाम से निजी करण उदारीकरण भूमंडलीकरण इसके विरोध में और एक आर्थिक आजादी की लड़ाई लड़ने का हम कार्य करते हैं हमने कई मुद्दों पर लड़ाई लड़ी है और उस मुद्दों पर सरकार को झुकना पड़ा है देश में सांस्कृतिक उपनिवेश बढ़ता जा रहा है जिसका स्वदेशी जागरण मंच विरोध करता है और देश में स्वदेशी की भावना को संरक्षित रखते हुए स्वदेशी आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए संकल्पबद्ध हैं।