उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर सोमवार (23 जून 2025) को नौकैंची के पास भैरव मंदिर के समीप हुए भूस्खलन ने चारधाम यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया है।

इस हादसे में दो श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि दो अन्य लापता हैं। मंगलवार सुबह 9 बजे से राहत और बचाव अभियान फिर से शुरू किया गया, लेकिन भारी बारिश और जटिल भूभाग के कारण बचाव कार्य में चुनौतियां आ रही हैं। यमुनोत्री मार्ग पूरी तरह बंद है, और बड़कोट, दुबाटा बैंड, गंगनानी, खराड़ी, पालीगाड़ जैसे स्थानों पर हजारों श्रद्धालु फंसे हुए हैं।
23 जून को दोपहर करीब 4 बजे यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौकैंची भैरव मंदिर के पास पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर और मलबा गिरने से पांच श्रद्धालु मलबे में दब गए। सोमवार देर रात तक चले बचाव अभियान में दो शव बरामद किए गए, जिनकी पहचान हरिशंकर (47, जौनपुर, उत्तर प्रदेश) और उनकी बेटी ख्याति (12) के रूप में हुई। मुंबई के रसिक (60) को घायल अवस्था में मलबे से निकालकर जानकीचट्टी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उनकी हालत स्थिर है। दो अन्य लापता श्रद्धालु, भाविका शर्मा (11, दिल्ली) और कमलेश जेठवा (35, मुंबई), की तलाश जारी है।
बचाव अभियान
राज्य आपदा मोचन बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), पुलिस, वन विभाग और मेडिकल टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। हाई-मास्ट लाइट्स की मदद से रात में भी खोजबीन की गई। उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दुल सिंह गुसाईं ने बताया कि मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है। जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्या कंट्रोल रूम से स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और बचाव कार्यों को तेज करने के निर्देश दिए हैं। 108 एम्बुलेंस, मेडिकल और पशु चिकित्सा टीमें भी मौके पर तैनात हैं।
यात्रा बाधित, श्रद्धालु फंसे
भूस्खलन के कारण यमुनोत्री पैदल मार्ग पूरी तरह बंद है, और वैकल्पिक भंडेली गाड़ मार्ग भी जोखिम भरा होने के कारण उपयोग में नहीं लिया जा रहा। प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर बड़कोट, गंगनानी, खराड़ी, पालीगाड़ और अन्य स्थानों पर सैकड़ों वाहनों में फंसे हजारों श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर रोका है। उपजिलाधिकारी बृजेश कुमार तिवारी ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा प्राथमिकता है, और मार्ग खुलने तक उन्हें होमस्टे और अस्थायी शिविरों में ठहराया गया है। खाद्य पैकेट और आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
नेताओं का दौरा और बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताया और ट्वीट कर कहा, “राहत और बचाव कार्यों के लिए सभी टीमें मौके पर तैनात हैं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल भी घटनास्थल पर पहुंचे और प्रभावित परिवारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
मौसम और जोखिम
उत्तराखंड में मॉनसून की भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। यमुनोत्री मार्ग, जो 3,293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, मॉनसून में भूस्खलन के लिए अतिसंवेदनशील है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से सतर्कता बरतने और यात्रा के दौरान दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है। विशेषज्ञों का कहना है कि मॉनसून के दौरान उच्च हिमालयी क्षेत्रों में यात्रा जोखिम भरी हो सकती है।