उत्तर प्रदेश में मानसून की सक्रियता के कारण प्रदेश के कई हिस्सों में जोरदार बारिश दर्ज की गई, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार, 1 जुलाई 2025 के लिए 22 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट और 48 जिलों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है।

सोमवार को मेरठ में सर्वाधिक 178 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि एटा, संभल, बिजनौर, और मुजफ्फरनगर में भी भारी वर्षा हुई। इस बारिश के कारण तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट देखी गई, जिससे मौसम सुहावना हो गया।
भारी बारिश का रेड अलर्ट
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र, लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को मध्य और दक्षिणी उत्तर प्रदेश, विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र में अच्छी मानसूनी बारिश की संभावना है। निम्नलिखित 22 जिलों में भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है:
- बांदा, चित्रकूट, कौशांबी, प्रयागराज, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, वाराणसी, भदोही
- कानपुर देहात, कानपुर नगर, मथुरा, हाथरस, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, जालौन
इसके अलावा, हमीरपुर, महोबा, झांसी, और ललितपुर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के अन्य 48 जिलों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ गरज-चमक और बिजली गिरने की चेतावनी है।
सोमवार को सर्वाधिक बारिश वाले जिले
सोमवार, 30 जून 2025 को प्रदेश के निम्नलिखित पाँच जिलों में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई:
- मेरठ: 178 मिमी
- एटा: 166 मिमी
- संभल: 164 मिमी
- बिजनौर: 142 मिमी
- मुजफ्फरनगर: 122 मिमी
इनके अलावा, बाराबंकी, लखनऊ, कानपुर, लखीमपुर खीरी, बरेली, बहराइच, अमेठी, गोरखपुर, बस्ती, और वाराणसी में भी अच्छी बारिश हुई।
लखनऊ में मौसम का हाल
राजधानी लखनऊ में सोमवार को रिमझिम बारिश का सिलसिला दिनभर जारी रहा, जिससे अधिकतम तापमान में 6.6 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। शाम 5:30 बजे तक 16.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई। दिन का तापमान 32.3 डिग्री सेल्सियस (सामान्य से 3.6 डिग्री कम) और रात का तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस रहा। अतुल कुमार सिंह ने बताया कि मंगलवार को लखनऊ में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है, लेकिन इसके बाद मानसूनी बारिश का प्रभाव कम हो सकता है।
जून में बारिश का आँकड़ा
इस साल जून में उत्तर प्रदेश में औसतन 106.1 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 11% अधिक है। पश्चिमी यूपी में 125.4 मिमी (सामान्य से 60% अधिक) और पूर्वी यूपी में 92.6 मिमी (सामान्य से 15% कम) बारिश हुई। बिजनौर में जून के दौरान सर्वाधिक 235.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। जुलाई में भी सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है, जिससे नदियों के जलस्तर में वृद्धि और बाढ़ की आशंका बढ़ सकती है।
प्रभाव और चुनौतियाँ
पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर, भारी बारिश से कई जिलों में जलभराव, यातायात व्यवधान, और बाढ़ जैसी समस्याएँ देखी गई हैं। उदाहरण के लिए, 2023 में बाराबंकी में रेलवे ट्रैक पर जलभराव के कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित हुआ था, और लखनऊ में जलभराव ने सामान्य जनजीवन को बाधित किया था। इस बार भी, प्रयागराज में नदियों के जलस्तर में वृद्धि की खबरें हैं, जिसके कारण घाटों को एहतियातन खाली कराया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों में राहत कार्य तेज करने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहायता पहुँचाने के निर्देश दिए हैं।