न इंसान, न ही भगवान… एक छोटे से कीड़े ने कर दिया गूगल को ‘सुंदर’
नई दिल्ली : दुनिया में जितने भी सफल इंसान हुए हैं. उनकी कामयाबी के पीछे कोई ना कोई व्यक्ति विशेष या फिर मोटिवेशनल स्टोरी होती है. ऐसा ही कुछ गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई के साथ हुआ है. गूगल का सीईओ बनने के बाद सुंदर पिचाई की दुनिया ही बदल गई है. अब वह ग्लोबल इमेज बन गए हैं. उन्होंने अपनी सफलता का राज खोल दिया है. सुंदर पिचाई को टॉप पर पहुंचाया एक कीड़े ने. पिचाई को टॉप पर पहुंचाने वाला शख्स एक कॉकरोच है.
सुंदर पिचाई की सफलताओं, स्कूल-कॉलेज के दिनों की कहानियां चर्चा का विषय रहती हैं. यह स्पीच आत्म-विकास के लिए कॉकरोच थ्योरी पर आधारित है.
एक बार सुंदर पिचाई एक रेस्टोरेंट में कॉफ़ी का लुत्फ उठा रहे थे. अचानक रेस्टोरेंट में शोर मचने लगा और पिचाई का ध्यान एक औरत पर गया. कहीं से कॉकरोच उड़ कर उस महिला पर आ गया. डर की वजह से वह जोर-जोर से चीखने लगी. उस महिला ने कॉकरोच से छुटकारा पाने के लिए महिला ने इधर-उधर भागना शुरू कर दिया. उसकी वजह से अन्य लोग भी परेशान होने लगे. आखिरकार महिला उस कॉकरोच से छुटकारा पाने में सफल हुई. लेकिन अब वह कॉकरोच दूसरी महिला पर आ चुका था. इसी बीच उन्हें बचाने के लिए वेटर आया. अब कॉकरोच वेटर के ऊपर आ गिरा. वेटर आराम से खड़ा रहा. उसने खुद को शांत किया और कॉकरोच की को देखता रहा. जब उसे सही समय लगा तो उसने कॉकरोच को पकड़कर तुरंत बाहर फेंक दिया. कॉफी पीते-पीते पिचाई यह सब देख रहे थें.
पूरे सीन को देखने के बाद पिचाई को देखा कई विचार आने लगे. वह सोचने लगे कि क्या इस पूरे नाटकीय व्यवहार के लिए कॉकरोच जिम्मेदार था?
अगर ऐसा था, तो इससे वेटर क्यों परेशान नहीं हुआ? उसने पूरे मामले को बड़ी ही शान्ति से सुलझा दिया. यह मामला कॉकरोच की गलती नहीं, बल्कि उन महिलाओं की परेशानी को संभाल न पाने की क्षमता को दर्शाता है.
इस घटना के बाद पिचाई को एहसास हुआ की, गलती मेरे बॉस, बीवी या पिता के चिल्लाने में नहीं थी. बल्कि परेशानियों को ठीक से न सुलझा पाने की वजह से समस्या हुई है.
किसी भी परेशानी बड़ी समस्या उस परेशानी पर रिएक्शन पर है. इस घटना से पिचाई ने यह सीख की जिन्दगी में रिएक्ट नहीं हमेशा रिस्पांड करना चाहिए. किसी भी परेशानी पर रिएक्शन उसी समय आ जाता है, जबकि रिस्पांस हमेशा सोच-समझ कर किया जाता है.