सिक्किम की ये जगहें जिन्हें पर्यटक कभी नहीं भूल पाएंगे, जानें इन आकर्षण का केंद्र

पहाड़ जिन्हें पसंद होते हैं उनके लिए सिक्किम घूमना किसी जन्नत से कम नहीं। सिक्किम में बहुत से इलाके पहाड़ी है और इनकी ऊंचाई 280 मीटर से 8,585 मीटर तक है। इस राज्य की खूबसूरती इतनी है कि अपनी एक झलक भर दिखा कर किसी का भी दिल मोह सकती है। उत्तर पूर्व के इस राज्य की वैसे तो हर एक जगह देखने लायक है। और बात जब कुछ चुनिंदा जगहों की आती है तो चुनाव करने में मुश्किल होती है। लेकिन आपकी इस मुश्किल को आसान करने हमने चुने हैं सिक्किम के 14 बेहतरीन पर्यटक स्थल जहां जीवन में एक बार जाना तो बनता है।

 मंगन
 मंगन

पूर्वी हिमालय की गोद में बसा मंगन देश के टॉप पर्यटक स्थलों में से एक गिना जाता है। ऐसे पर्यटक, जिन्हें छुट्टियों में किसी दिलचस्प, आकर्षक, शांत और प्राकृतिक जगह की खोज रहती है, ये जगह उनके लिए एक तोहफा है। मंगन में बहुत से पर्यटन स्थल हैं जिनमें से एक है शिंगबा रोडोडेंड्रोन सैंक्चुअरी। शिंगबा रोडोडेंड्रोन एक पौधा होता है। इस सैंक्चुअरी में करीब 40 प्रकार के रोडोडेंड्रोन हैं। इतना ही नहीं इस सैंचुअरी में कई प्रकार के पहाड़ी जानवर भी देखने को मिल जाएंगे। इसके अलावा मंगन में सिंघिक गांव है, जो मंगन से करीब 12 किमी दूर है। 500 फीट से भी ज़्यादा ऊंचाई पर स्थित इस गांव से कंचनजंगा के नज़ारे लिए जा सकते हैं।

गुरूडोंगमर झील

ये खूबसूरत और लोकप्रीय झील सिक्किम की पवित्र झीलों में से एक है। सिक्किम के गंगटोक से 190 किमी दूर स्थित ये झील, समुद्र तल से 17800 फीट की ऊंचाई पर है। ये झील देखने में इतनी साफ और सुंदर है कि पर्यटक अपनी ट्रैवल लिस्ट में इसे शामिल किए बिना रह नहीं पाते। पर्यटन के नज़रिये से ये झील देखने लायक है। टूरिस्ट इस झील की खूबसूरती का तुत्फ ले सकें, इस बात का ख्याल रखते हुए विभाग ने इसका रख-रखाव बखूबी किया है।

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लाचुंग

वैसे तो गांव कोई भी हो, हमें अच्छा ही लगता है। लेकिन सिक्किम के लाचुंग गांव की बात ही अलग है। यह तिब्बत से लगते उत्तरी सिक्किम में स्थित है। सिक्किम का ये प्यारा सा गांव, 9,600 फुट की ऊंचाई पर लाचेन व लाचुंग नदियों के संगम पर है। यूं तो ये गांव बहुत सुंदर है लेकिन बर्फ गिरने पर तो यहां की सुन्दरता इस हद तक बढ़ जाती है कि इसे शब्दों में बयान करना ज़रा मुश्किल है। तभी तो यहां दुनिया भर से पर्यटकों का तांता लग रहता है। इतनी ही नहीं, यहां का हथकरघा केंद्र, जहां स्थानीय हस्तशिल्प भी देखी जा सकती है।

युमथांग घाटी

सिक्किम के उत्तर में स्थित यूमथांग घाटी है जिसे फूलों की घाटी भी कहा जाता है। इस घाटी की सुंदरता देखेंगे तो आप भी मान जाएंगे कि इसे ये नाम देना बिल्कुल गलत नहीं है। फूल तो हर किसी को पसंद होते हैं। फूलों का गुलदस्ता देखते ही सबका दिल बाग-बाग हो जता है। ऐसे में यहां जब फूलों का पूरा बाग ही देखने को मिल जाए तो बात ही क्या है। यूमथांग घाटी में भारी बर्फबारी के कारण इसे दिसंबर से मार्च तक पर्यटकों के लिए बंद रखा जाता है।

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लाचेन गांव

लाचेन एक छोटा सा गांव है जो सिक्कम के उत्तर में स्थित है। लाचेन का अर्थ है ‘बड़ा दर्रा’। ये गंगटोक से लगभग 129 किमी दूर और 2750 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। लाचेन में आप झीलों तक और घाटियों की ट्रैकिंग कर सकते हैं। ट्रैकिंग के दौरन आपको संकरे पहाड़ों पर चलना पड़ सकता है जि लाचेन जैसा पर्यटन स्थल आपके लिए काफी रोमांचकारी हो सकता है।

 

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