सावन के तीसरे सोमवार उमड़ी भक्तों की भीड़, मंदिरों में लगे बम बम भोले के नारे

Report- Vinod Kumar/Chitrakoot

श्रावण मास के तीसरे सोमवार मे नागपंचमी का भी दिन है जिसमे  उमडा श्रद्दलुओ का जन सैलाब .चित्रकूट रामघाट  मे स्थित शिव मंदिर मे गुंजे हर हर महादेव के नारे .शिवलिंग मे जल चढाने के लिये मंदिर मे अड़े है शिव भक्त .

आज सोमवार होने पर लगी है शिव भक्तो की भीड .शिवभक्तो की भीड को देखते हुये  सुरक्षा के कड़े इंत्जाम .पुलिस  शिव मंदिर मे दे रहे है पहरा .कहते है भोलेनाथ की महिमा अपार है थोडी सी पूजा से खुश हो जाते है .श्रावण  मास मे तो शिव अर्चन का और बहुत महत्व है.

सावन का महीना

तीर्थो के तीर्थ प्रभू  राम की तपोस्थली चित्रकूट के तो राजा है भगवान शिवजी .प्रभू​ राम ने उनकी आज्ञा के बाद ही चित्रकूट मे निवास किया था .

तापस भेष तभेष उदासी .चौदह बरस राम बनबासी |.श्रेस्टी के विस्तार से ही भगवान शिवजी  चित्रकूट के राजा है इनकी स्थापना ब्रम्हाजी ने  की थी .महाराजाधिराज मत्ग्येंद्रनाथ के नाम से प्रसिध्द भोले शंकर का मंदाकिनी के रामघाट मे मंदिर है जहा श्रावण मास के चलते लाखो श्रद्धालू जल चढाने पहुचते है .श्रावण मास मे भोलेबाबा मे बेलपत्र और फूल चढाने से मनुष्य की सभी तरह की मनोकामनाये पुर्ण होती है |

पवित्र नगरी चित्रकूट मे भगवान शंकर जी का हमेसा से राज रहा है .शिवजी यहा के राजा है और शिव की पूजा का विशेस महत्व है .शिव औघडदानी है जो सोमवार मे जल चढाने मात्र से प्रसन्न हो जाते है .

इस माह मे शिव जी का शिवार्चन करने से मनुष्य की सभी मनोकामनाये पुर्ण होती है .

ऐसा लोगो का मनना है कि श्रावण मास में आज 40 वर्षो के बाद सावन मास में नागपंचमी का दिन भी है और सोमवार का दिन पड़ा है जो बहुत ही महत्व है । आज सुबह 2 बजे से ही भगवान शिव के पट खुल गए है और शिव जी की अर्चन पूजन व जलाभिषेक दूध से हो रहा है और भक्तों की हर मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

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जल चढ़ाने से शिव जी मे बेल पत्र चावल फूल चाढाने से शिव जी प्रसन्न होते है और अपने भक्तो की इच्छओ की पुर्ती करते है .के तीसरे सोमवार और नागपंचमी को लेकर जहां पूरे देश के शिवालयों में भक्तों का ताँता लगा हुआ.

वहीँ चित्रकूट में भी महाराजाधिराज मत्यगयेन्द्र नाथ मन्दिर में भी भक्तों की भारी भीड़ लगी हुई है भक्त अपनी अपनी मनोकामनाओ को लेकर यहां पर पहुंचे हुए है और भगवान भोलेनाथ पर लोग दूध जल बेलपत्र से पूजा कर रहे हैं ।

तीर्थ नगरी चित्रकूट मे शिवजी की अपार महिमा है .इस पुरी की चारो दिशाओ मे शिव की स्थापना है .बेधक मे ब्रम्हाँड का भेदन करने वाले शिव की स्थापना है तो पश्चिम मे कालिंजर मे नीलकंठ महादेव है जो विषपान करने के बाद यहा शांति के लिये स्थापित हुये थे .

चारो दिशाओ मे भगवान शिव की महिमामय स्थापना है .श्रावण मास मे सोमवार को  शिव जी की पुजा अर्चना का बडा फल है और भक्तो की सभी मनोकमनाये पुर्ण होती है.

 

 

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