
उत्तर प्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के रूप में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और महराजगंज से सात बार के सांसद पंकज चौधरी का नाम सबसे आगे चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, उनका नाम लगभग तय माना जा रहा है और आज नामांकन के साथ ही यह स्पष्ट हो सकता है।
भाजपा सपा के PDA फॉर्मूले के जवाब में कुर्मी समाज से आने वाले पंकज चौधरी पर दांव लगा रही है, जो राज्य में बड़ा वोट बैंक है। पार्टी और आरएसएस नेतृत्व में उनकी मजबूत पकड़, सबके साथ अच्छे संबंध और संगठन में अनुशासन की छवि उन्हें अन्य दावेदारों से आगे रखती है।
2027 विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा पिछड़े वर्ग में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है। लोकसभा चुनाव में PDA की वजह से मिली चुनौती के बाद ओबीसी चेहरा चुनना रणनीतिक कदम है। पंकज चौधरी की नियुक्ति से कुर्मी और अन्य पिछड़ी बिरादरियों में नई ऊर्जा आएगी। महराजगंज के कार्यकर्ता उत्साहित हैं, उनका मानना है कि पंकज का कद हमेशा ऊंचा रहा और संगठन में कभी विवाद नहीं हुआ।
पंकज चौधरी जनता से जुड़े रहते हैं, कार्यकर्ताओं से सीधा संवाद रखते हैं। उनके विरोधी भी उनकी तारीफ करते हैं। अपना दल जैसे सहयोगियों से कुर्मी वोट जोड़ने में वे मददगार साबित हो सकते हैं। संघ से नजदीकी और कुशल रणनीति उन्हें मजबूत नेता बनाती है। गीता प्रेस शताब्दी समारोह में पीएम मोदी का उनके घर पैदल जाना पूर्वी यूपी में कुर्मी समाज में उनकी पकड़ बढ़ाने वाला रहा।
20 नवंबर 1964 को गोरखपुर में जन्मे पंकज चौधरी गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक हैं। राजनीति की शुरुआत 1989 में गोरखपुर नगर निगम पार्षद के रूप में की। 1991 में पहली बार महराजगंज से सांसद चुने गए। 1996, 1998, 2004 और 2014 से लगातार जीतते रहे। परिवार में पत्नी भाग्यश्री, बेटा रोहन और बेटी हैं।
प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए 464 मतदाताओं की सूची जारी हो चुकी है, जिसमें 5 सांसद, 26 विधायक, 8 एमएलसी और 425 प्रदेश परिषद सदस्य शामिल हैं। आज दोपहर 2 से 3 बजे नामांकन होगा, चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्रनाथ पांडेय और पर्यवेक्षक विनोद तावड़े मौजूद रहेंगे। 14 दिसंबर को घोषणा संभव है।





