सर्वे में खुली पोल! इस बार किसके सिर सजेगा ताज, देश ने बदला अपना मूड

नई दिल्ली। चुनाव आयोग जल्द ही आम चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है। या यूं कहें कि चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। ऐसे में सियासी दल चुनावी मैदान में उतरने से पहले अपने समीकरण बनाने में जुटे हुए हैं।

मोदी बनाम राहुल

क्षेत्रीय दल जहां अन्य पार्टियों के साथ गठबंधन कर अपनी सियासी बिसात को धार देने में जुटे हुए हैं, तो वहीं राष्ट्रीय पार्टियां भी चुनाव से पहले अपने संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं।

इन सबके बीच एक सवाल जोरों से हैं कि अबकी बार किसकी सरकार…। इस सवाल का जवाब अगर शुरुआती सर्वे रिपोर्ट में देखें तो लोकसभा इस बार त्रिशंकु होती दिख रही है।

दरअसल, आज तक और कार्वी इनसाइट्स के संयुक्त सर्वे की रिपोर्ट में सामने आया है कि देश में इस बार किसी एक दल को बहुमत नहीं मिलने वाला है। सर्वे के मुताबिक, 2019 में 2014 जैसे हालात नहीं है और नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को बहुमत नहीं मिलेगी।

वहीं सर्वे के आंकड़े यह भी बताते हैं कि कांग्रेस भले ही पिछली बार की तरह इस बार सीट शेयर पर अधिक नुकसान नहीं खाएगी। लेकिन कांग्रेस के नये अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी को बहुमत दिलाने में नाकमयाब होंगे।

सर्वे में किसे-कितने वोट?

सर्वे के नतीजे कहते हैं कि 2014 के मुकाबले 2019 वोटों के मामले में बहुत अलग होगा। 2014 में एनडीए को 38 फीसदी वोट मिले थे, जबकि यूपीए के हिस्से में महज 23 फीसदी वोट आए थे। अन्य दलों के हिस्से में तब 39 फीसदी वोट गए थे। वहीं ताजा सर्वे में एनडीए को 35 फीसदी तो यूपीए को 33 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।

अन्य दलों के हिस्से में बाकी के 32 फीसदी वोट जा रहे हैं। इस लिहाज से अगर सीटों को वोट प्रतिशत में बांटे तो अगले पांच साल के लिए लोकसभा की तस्वीर साफ हो जाती है।

किसे-कितनी सीटें?

सर्वें के मुताबिक, 16वीं लोकसभा त्रिशंकु होगी, जिसमें किसी भी दल या गठबंधन को बहुमत नहीं मिलेगा। सर्वे के नतीजों में सर्वाधिक नुकसान बीजेपी के अगुवाई वाले एनडीए को हो रहा है, जिसे 99 सीटों के भारी नुकसान के साथ 237 सीटें मिलती दिख रही हैं। वहीं यूपीए जबर्दस्त वापसी करता दिख रहा है, लेकिन सत्ता से काफी दूर रहने वाला है।

उसे 106 सीटों के जबर्दस्त फायदे के साथ कुल 166 सीटें मिलने का अऩुमान है। वहीं अन्य दलों को भी नुकसान हो रहा है। वो 140 सीटें जीत सकते हैं, जबकि पिछली बार उऩका ये आंकड़ा 153 था।

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सर्वे के आंकड़े स्पष्ट कर रहे हैं कि 2014 के मुकाबले 2019 में एनडीए को तीन फीसदी वोटों का नुकसान होने का अनुमान है, जबकि यूपीए के खाते में पूरे 10 फीसदी अतिरिक्त वोट जा रहे हैं और वो 2014 के 23 फीसदी के मुकाबले 2019 में 33 फीसदी वोट हासिल कर सकता है। अन्य दलों को 2014 के मुकाबले भारी नुकसान हो रहा है। 2014 में उनके कुल वोट 39 फीसदी थे लेकिन इस बार यानी 2019 में उन्हें महज 32 फीसदी वोट मिलने का अनुमान है।

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