सबरीमाला मंदिर में सबसे पहले दर्शन करने की मिली सजा, अपनों ने पीटकर पहुंचाया अस्पताल

केरल के सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पहली बार दर्शन करने वाली महिला कनकदुर्गा पर मंगलवार को उनकी सास ने ही हमला कर दिया। पुलिस ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया है। उनकी हालत स्थिर बनी हुई है। कनकदुर्गा मंदिर में दर्शन के बाद से सामने नहीं आई थीं। उन्होंने सास के खिलाफ पेरिंथलमन्ना थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

कनकदुर्गा (39) ने महिला साथी बिंदु (40) के साथ 2 जनवरी को भगवान अयप्पा के दर्शन कर 800 साल पुरानी प्रथा को तोड़ा था। दोनों ने मंदिर में पूजा अर्चना भी की थी। इसके बाद पूरे राज्य में प्रदर्शन भड़क गए थे। साथ ही मंदिर का शुद्धिकरण भी किया गया था। उस वक्त मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने कनकदुर्गा और बिंदु समेत सभी महिला दर्शनार्थियों को पूरी सुरक्षा देने के निर्देश दिए थे।

28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर में हर उम्र की महिला को प्रवेश की इजाजत दी थी। इस फैसले के खिलाफ केरल के राजपरिवार और मंदिर के मुख्य पुजारियों समेत कई हिंदू संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की थी। हालांकि, अदालत ने सुनवाई से इनकार कर दिया। इससे पहले यहां 10 से 50 साल उम्र की महिला के प्रवेश पर रोक थी। यह प्रथा 800 साल पुरानी है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरे राज्यभर में विरोध जारी है।

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अब तक यह साफ नहीं है कि कितनी महिलाएं सबरीमाला में दर्शन कर चुकी हैं। हालांकि, रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि इस साल अब तक 10 महिलाएं मंदिर में दाखिल हो चुकी हैं। भाजपा और हिंदू संगठन मंदिर में महिलाओं के प्रवेश का विरोध कर रहे हैं।

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