अगर आप के पास भी है फॉक्सवैगन कंपनी की कार, तो पड़ सकते हैं लेने के देने…

देश की कार निर्माता कंपनी फॉक्सवैगन इस समय एक बड़े संकट से गुजर रही है, एक तरफ जहां जर्मनी के करीब 3 लाख से ज्यादा फॉक्सवैगन मालिकों ने कंपनी पर कानूनी कारवाई करने के संकेत दिए हैं।

वहीं भारत में कंपनी पर बड़ा सकट आन पड़ा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) द्वारा गठित चार-सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल ने सिफारिश की है कि जर्मन की ऑटो दिग्गज फॉक्सवैगन कम से कम 171.34 करोड़ रुपये का भुगतान करे।

फॉक्सवैगन कंपनी की कार

जिसके पीछे पैनल ने भारतीयों के स्वास्थ्य के नुकसान का हवाला दिया। बता दें, फॉक्सवैगन ने 2015 में इस बात को स्वीकारा था, कि उसने करीब 1.1 करोड़ डीजल गाड़ियों में हेराफेरी की थी जिससे कार टेस्ट के समय कम उत्सर्जन करती थी।

लेकिन, वास्तविकता कुछ और ही थी। इसी के चलते भारत में एनजीटी पैनल का गठन नवंबर 2015 में किया गया था।

द इंडियन एक्सप्रेस द्वारा एक्सेस विशेषज्ञ पैनल की रिपोर्ट और 24 दिसंबर 2018 को दायर की गई याचिका के आधार पर अनुमान लगाया गया कि फॉक्सवैगन कारों ने 2016 में लगभग 48.678 टन NOx जारी किया।

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जिस पर पैनल ने मात्र दिल्ली के नुकसान की गणना के आधार पर NOx के कारण स्वास्थ्य क्षति की लागत लगभग 171.34 करोड़ रुपए बताई।

फॉक्सवैगन इस हेरफेरी के चलते अब तक करीब दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान भर चुकी है।

इसी क्रम में अमेरिका में कंपनी ने पांच लाख कार लोगों से वापस खरीदी। इसके अलावा 7 लाख तक का मुआवजा भी भरना पड़ा। वहीं, जर्मनी में कंपनी ने कुल 14 हजार करोड़ रुपए बतौर जुर्माना दिया है।

 

 

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