संत रमेश बाबा को इस वजह से मिला पद्मश्री सम्मान, जानना जरूरी

आगरा।गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने बरसाना के संत रमेश बाबा को पद्मश्री सम्मान देने की घोषणा की है। रमेश बाबा को यह सम्मान गो सेवा के लिए दिया जा रहा है। बरसाना के गहवरवन में है रमेश बाबा की गौशाला माताजी में 50 हजार से ज्यादा गाय मौजूद हैं। पिछले दिनो होली पर बरसाना आये मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने रमेश बाबा से मुलाकात की थी। यहां उन्होंने माताजी गोशाला को भी देखा था।

संत रमेश
बरसाना में स्थित माताजी गौशाला में गोबर गैस प्लांट है जिसमें गैस से बिजली बनाई जाती है। बिजली का उपयोग गोशाला की लाइट, एक हजार लोगों की प्रसादी बनाने में किया जाता है। गैस प्लांट से 1350 घन मीटर बिजली तैयार की जाती है। जिसे 125 किलोवाट के 2 जनरेटरों द्वारा सप्लाई किया जाता है।

गैस बनने के बाद बचे हुए गोबर से जैविक व कम्पोस्ट खाद बनाई जाती है। कम्पोस्ट खाद गुजरात, मुम्बई सहित उद्यान विभाग को सप्लाई की जाती है। इसके अलावा गोशाला में गोबर द्वारा कई तरह के पौधे लगाने के लिए गमले भी तैयार किये जा रहे हैं। अभी कुछ दिनों पहले दिल्ली आईआईटी के छात्रों ने बायो गैस का सैंपल लेकर गए है।

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अब रमेश बाबा ने गोवंश के साथ अन्य पशु-जानवरों के हॉस्पिटल का निर्माण कार्य हुआ शुरू कर दिया है। 10 एकड़ में हॉस्पिटल का निर्माण हो रहा है। यह हॉस्पिटल जून 2019 तक बनकर पूर्ण हो जाएगा।

रमेश बाबा ब्रज में आने के बाद इससे बाहर कभी नहीं गए है। उन्होंने बरसाना और डींग, कामा की पहाड़ियों पर हो रहे खनन के खिलाफ भी अभियान चलाया था। अब यहाँ खनन बन्द है। रमेश बाबा के नेतृत्व में प्रत्येक वर्ष राधारानी ब्रज यात्रा भी निकाली जाती है, जिसमे हजारो भक्त शामिल होते हुए ब्रज परिक्रमा करते हैं। यह यात्रा ब्रज के ऐसे स्थलों तक जाती हैं जहाँ आमतौर पर लोग नहीं जाते हैं।

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