केरल में खुलेगा देश का पहला ऐसा रिसर्च सेंटर, गोवा और केरल सरकार आई सबसे पहले आगे

केरल में देश का पहला ट्रांसजेंडर रिसर्च सेंटर बनाया जाएगा, जहां ट्रांसजेंडर की शिक्षा, स्वास्थ्य की देखभाल होगी और उन्हें मुख्य धारा से जोड़ने की पहल की जाएगी। अल्मोड़ा के जिला जज डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की पहल पर केरल सरकार ने इंटेसिव रिसर्च एजुकेशनल सेंटर खोलने पर सहमति दी है। गोवा ने भी इस पर सहमति जताई है।

रिसर्च सेंटर

जिला जज डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा पिछले दस सालों से ट्रांसजेंडर वर्ग पर शोध कर रहे हैं। इसके जरिए वह उनके जीवन से जुड़े पहलू, शिक्षा, स्वास्थ्य, समाज के प्रति रवैया से लेकर उनके व्यवहार और जीवन के मूल्यों समेत अन्य विषयों पर मंथन कर रहे हैं। जिला जज डॉ. शर्मा ने ‘प्रोटेक्शन आफ राइट एंड रिहेब्लिशन ऑफ ट्रांसजेंडर इन इंडिया एंड वर्ल्ड कम्यूनिटी’ विषय पर शोध के बाद पोस्ट डॉक्टरेट भी कर रहे हैं।

इस शोध के बाद उन्होंने राज्य सरकारों को ट्रांसजेंडर रिसर्च एंड एजुकेशन सेंटर खोलने के लिए प्रस्ताव भी दिए। इन प्रस्तावों पर केरल ने सहमति प्रदान कर दी है। वहीं गोवा सरकार भी सहमत है हालांकि सेंटर पहले केरल में खुलेगा। इस तरह केरल देश का पहला ट्रांसजेंडर सेंटर खोलने वाला राज्य बन जाएगा। डॉ. शर्मा का मानना है कि इस सेंटर के खुलने के बाद अन्य राज्यों में भी सेंटर खोलने में मदद मिलेगी।

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यह सुविधाएं मिलेगी ट्रांसजेंडर रिसर्च एंड एजुकेशन सेंटर में

ट्रांसजेंडर का हार्मोंस ट्रीटमेंट, बॉयोलोजिकल ट्रीटमेंट, साइक्लोजिकल ट्रीटमेंट, शिक्षा, रोजगारपरक शिक्षा, रोजगार के अवसर मुहैया कराना आदि।

भविष्य में ये भी हैं प्रयास 
थर्ड जेंडर को पिछड़ा वर्ग मानते हुए शिक्षा व नौकरी में आरक्षण
सामाजिक भेदभाव खत्म कर मुख्यधारा में लाना
समाज में एक दूसरे के प्रति स्वीकार्यता को बढ़ाना

अदालत ने भी दिया है महत्वपूर्ण फैसला

जिला जज डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि हाल में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने थर्ड जेंडर के संबंध में महत्वपूर्ण आदेश दिया है कि यदि कोई भी ट्रांसजेंडर मेल से फीमेल या फीमेल से मेल बनता है और वैवाहिक जीवन व्यतीत करता है तो उसका विवाह हिंदू मैरिज एक्ट के तहत मान्य समझा जाए तथा उस जोड़े को विवाह प्रमाण पत्र जारी करना होगा।

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ट्रांसजेंडर के केस ने बदली सोच 
जिला जज डॉ. शर्मा बताते हैं कि वर्ष 2006-07 में उनकी अदालत में ट्रांसजेंडर का एक मामला आया। अदालत में बहस के दौरान ट्रांसजेंडर की परेशानी, उनके प्रति समाज की सोच देखकर बहुत पीड़ा हुई। तभी उन्होंने इस वर्ग के लिए काम करने का फैसला किया। शर्मा पिछले दस सालों में कई सेमिनारों में हिस्सा ले चुके हैं, जल्द ही वह अमेरिका के न्यूयार्क में होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार में भी हिस्सा लेंगे।

 

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