यूएई के बाद ओमान में पीएम ने भरी हुंकार, मोदी… मोदी… की गर्जना से गूंज उठा मस्कट

नई दिल्ली। तीन देशों की चार दिवसीय यात्रा पर निकले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब यूएई से ओमान पहुंच चुके हैं। यहां उनके स्वागत के लिए ओमान के डिप्टी पीएम एयरपोर्ट पर मौजूद थे। उन्होंने पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद वे मस्कट के स्टेडियम पहुंचे। उन्होंने यहां मौजूद सभी भारतीयों को संबोधित किया।

खबरों के मुताबिक़ पीएम मोदी के स्टेडियम में कदम रखते ही उनके नाम की गूंज पूरे स्टेडियम में थी। स्टेज पर पहुंचते ही मोदी जी ने मौजूद सभी लोगों से देश की तीन भाषाओं में नमस्कार किया। इसके बाद बड़े ही मजाकिया लहजे में वे बोले- यदि मैं अपने देश की सभी भाषाओं में नमस्कार करने लगा तो घंटो निकल जाएंगे।

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ओमान में मोदी

उन्होंने कहा कि ये हमारे देश की कितनी बड़ी शक्ति है कि अपने यहां कि भाषाओं और बोलियों में नमस्कार करने लगूं तो कई घंटे निकल जाएंगे। ये विविधता पूरी दुनिया में और किसी देश में नहीं मिलेगी।

नमस्कार के बाद उन्होंने सभी से भारत माता की जय के नारे लगवाए। ख़ास यह है कि इस स्टेडियम के रॉयल बॉक्स से स्पीच देने वाले मोदी पहले विदेशी मेहमान हैं। इस बॉक्स का इस्तेमाल सिर्फ ओमान के शाह ही करते आए हैं।

पीएम ने अपने संबोधन में भारतीय समुदाय के लोगों से कहा कि एक लंबे अर्से से मेरा आप लोगों से मिलने का मन कर रहा था पर वो अवसर आज आया है।

उन्होंने कहा कि मैं सबको विश्वास दिलाता हूं कि भारत के लिए जो सपने आप देख रहें, मैं सबको पूरा करूंगा।

उन्होंने कहा, “आज मैं मेरे सामने भारत के बाहर ओमान की धरती पर एक मिनी इंडिया देख रहा हूं। देश के अलग-अलग कोनों से आए हुए भारतीय अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले भारतीयों की एक भव्य तस्वीर का निर्माण देख रहा हूं। मेरे साथ पूरी ताकत से बोलिए- भारत माता की जय।”

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उन्होंने कहा कि अधिकृत दौरा तो मेरा आज शुरू हो रहा है, लेकिन 10 साल पहले जब मैं गुजरात में सीएम था, तो सीएम के तौर पर मेरी अफ्रीका की यात्रा थी। इसी दौरान मैं सलाला से होकर गुजरा था। कुछ समय वहां रुका था और उस समय जिनसे मुलाकात हुई थी, उनसे मिलने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा कि लंबे अरसे से ओमान आने का, आपको बीच आने का और आपसे मिलने का मन करता था। लेकिन, ये अवसर आज आया है। ओमान सरकार को, प्रशासन को, उन व्यवस्थाओं के लिए दिल से धन्यवाद देता हूं।

वे आगे बोले, “साथियों, भारत और ओमान के बीच संबंध सैकड़ों-हजारों साल पुराने हैं। 5 हजार साल पहले भी गुजरात के लोथल पोर्ट से लकड़ी के जहाज ओमान तक आते थे। लौटते वक्त ये जहाज लोथल से भी आगे दक्षिण की तरफ भारत के समुद्री तटों से होते हुए श्रीलंका तक जाते थे।

इन हजारों वर्षों में व्यवस्थाएं बदल गईं, भारत में गुलामी का लंबा कालखंड आया, लेकिन हमारे सदियों पुराने व्यापारिक और आत्मीय संबंध वैसे ही बने रहे। भारत की आजादी के बाद आर्थिक, व्यापारिक और सामाजिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए इंस्टीट्यूशंस विकसित हुए।”

मोदी ने कहा, “मध्यप्रदेश में जो बीना रिफाइनरी है, वो रिफाइनरी ओमान के सहयोग से चल रही है। वही भारतीय कंपनियों के डेढ़ हजार से ज्यादा ज्वाइंट वेंचर्स यहां ओमान में काम कर रहे हैं। ओमान की प्रगति और विकास में भारत, हमारे होनहार राष्ट्रदूत… ये आप सबकी भागीदारी रही है। सरकार की तरफ से तो एक राजदूत होता है, लेकिन देश की तरफ से लाखों राष्ट्रदूत ओमान में बैठे हुए हैं।

आपने देखा होगा कि पिछले तीन साल से हम किस प्रकार एक नीति बनाकर खाड़ी के देशों के साथ भारत के पुराने और दोस्ती भरे रिश्तों को आज के समय के मुताबिक एक नया जामा पहना रहे हैं और नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं।

वहीं उन्होंने यह भी कहा, “आपने ये गौर किया होगा कि भारत की प्रगति के साथ-साथ खाड़ी देशों की भारत में रुचि दिन-ब-दिन बढ़ती चली जा रही है। एनर्जी हो, व्यापार हो, इन्वेस्टमेंट हो… हर क्षेत्र में खाड़ी देशों और भारत के बीच संबंध अपने आप में महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं।

ओमान के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों में भी एक नई गति आई है, नई ऊर्जा आई है। ओमान भौगोलिक रूप से भारत का खाड़ी क्षेत्र में सबसे निकटतम पड़ोसी है। ये हमारा सौभाग्य है कि राज परिवार के भारत के साथ बहुत आत्मीय और पुराने संबंध रहे हैं।”

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वे बोले, “हिज मैजेस्टी सुल्तान का भी भारत से अभिन्न नाता रहा है। आज इतनी बड़ी संख्या में आप सबसे मुखातिब होने के लिए हिज मैजेस्टी सुल्तान के नाम पर बने स्टेडियम में मेरी मौजूदगी एक विशेष महत्व की घटना है। ये इस बात का प्रतीक है कि स्वयं सुल्तान और ओमान भारत और भारतीयों के साथ कितनी आत्मीयता रखते हैं। इस निहायत स्पेशल गेस्चर के लिए हम उनके बहुत कृतज्ञ हैं। आपसे बातचीत के बाद मैं हिज मैजेस्टी से मिलने जा रहा हूं। मैं उन्हें उनके स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए सवा सौ करोड़ देशवासियों की तरफ से, मेरी तरफ से, आप सबकी तरफ से शुभकामनाएं दूंगा। मैं उनसे कहूंगा कि मेरे आने का मकसद हमारे दोनों देशों के बीच मित्रता को और ज्यादा मजबूत बनाना है।”

उन्होंने कहा, “आप सबको ओमान में आज घर जैसा माहौल मिलता है। ये ऐसे ही नहीं मिल रहा है। आपको यहां घर जैसा माहौल मिलता है, वह यहां के लोगों और यहां के नेतृत्व के उन मूल्यों की निशानी है,जिन्हें हम भारत में विविधता और सह असतित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण मानते हैं।

ओमान में रहने वाले मेरे करीब 8 लाग भाई-बहन भारत के गुडविल एम्बेसडर हैं। आपने ओमान के विकास के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। अपना पसीना बहाया, जवानी खपा दी है। ओमान की सरकार भी आपके अथाह परिश्रम का पूरा सम्मान करती है।”

उन्होंने कहा, “हम भारतीयों का सामाजिक संस्कार ऐसा है कि हम हर समाज में आसानी से जगह बना लेते हैं। यही होता है ना? जैसे दूध में शक्कर मिल जाती है और हम दूध मीठा कर देते हैं। ये हमें विरासत में मिला है, हम वसुधैव कुटुम्बकम यानी पूरे विश्व को एक परिवार मानकर चलने वाले लोग हैं। समय और समाज के अनुकूल ढल जाना हमारे आचरण और हमारी परंपराओं और रीति-रिवाज को संभालते हुए… हर किसी का आदर, हर परंपरा का सम्मान ही तो भारत की विशेषता है।

आप भारत से दूर उन संस्कारों को जीकर यहां के सामान्य जीवन के दिलों को जीतने का अभूतपूर्व काम कर रहे हैं इसलिए आप बधाई के पात्र हैं। यही वजह है कि दुनिया का नक्शा भले बदल गया हो, बड़े-बड़े देश खत्म हो गए हों, लेकिन भारत आज भी पूरी बुलंदी के साथ तेज गति से आगे बढ़ रहा है।”

उन्होंने कहा, “रास्ता कितना ही कठिन क्यों ना हो, हालात कितने ही मुश्किल क्यों ना हों; हम वो लोग हैं… जिन्हें संकटों से निकलना आता है। परिवर्तन और बदलाव के लिए हमारी जो छटपटाहत है, निराशा से आशा और उमंग के साथ बाहर निकलना हमारी रगों में है।

आज हर भारतीय न्यू इंडिया के संकल्प को पूरा करने के लिए जी-जान से जुटा है और दिन-रात काम कर रहा है। हिंदुस्तान में अगर कोई अच्छी घटना घटे, तो यहां आपकी खुशियों का पार नहीं रहता है। बुरी घटना पता चले तो आप बेचैन हो जाते हैं, यही हमारी विशेषता है… अपनापन।”

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उन्होंने कहा कि हम ऐसे भारत के निर्माण की तरफ बढ़ रहे हैं, जहां गरीब से गरीब आदमी को भी आगे बढ़ने का समान अवसर मिले।

गरीब व्यक्ति सपने देख सके, सपनों के पूरा होने की आशा जगे, पुरुषार्थ का रास्ता मिले। इसी भूमिका से सवा सौ करोड़ देशवासियों को साथ लेकर आज देश प्रगति के पथ पर पहले से कहीं ज्यादा ताकत और गति से न्यू इंडिया के सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ रहा है।

मिनिमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवर्नेंस मंत्र के साथ हम देश के आम नागरिक की जिंदगी को आसान बनाने के लिए अनेक काम कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रक्रियाओं को सरल बनाना, अनावश्यक कानूनों को खत्म करना, सरकारी दफ्तर में 40-50 पेज के फॉर्म को 4-5 पेज के फॉर्म तक लाना, उन्हें ऑनलाइन भरने की व्यवस्था बनाना, शिकायतों को सुनना और एक्शन लेना। इन सारे कामों को हमने सरकार के कल्चर में शामिल करने के लिए प्रयास किया।

सरकार तो वही है, लोग भी वही हैं, ब्यूरोक्रेसी, साधन वही हैं, वही फाइल और बाबू हैं… सबकुछ वही है। लेकिन, नतीजे कुछ और आ रहे हैं। बदलाव महसूस होने लगा है।

बदले हुए भारत में आज गरीब से गरीब व्यक्ति को बैंकों से दुत्कार कर नहीं भगाया जा सकता है। बदले हुए भारत में अब सरकार घर जाकर, सामने से जाकर गरीब विधवा मां के घर जाकर गैस का कनेक्शन दे रही है।

जिसके घर में आज भी अंधेरा है, उन घरों को ढूंढकर मुफ्त में बिजली कनेक्शन देने का अभियान चला रही है। आप विश्वास नहीं करेंगे, इंश्योरेंस शब्द सुनते ही ऐसा लगता था कि ये अमीरों, बड़े-बड़े लोगों का काम है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऐसी सरकार को काम करने का अवसर मिला है कि गरीबों को सिर्फ 90 पैसे प्रतिदिन, 1 रुपया महीने की प्रीमियम पर जीवन और सुरक्षा बीमा दिया जा रहा है।

90 पैसे… मैं चायवाला हूं इसलिए जानता हूं कि चाय भी नहीं आती 90 पैसे में। गरीबों के प्रति संवेदनशील सरकार होती है और योजना बनाती है तो नतीजा क्या निकलता है।

मुश्किल से एक साल हुआ है, 2000 करोड़ रुपए की क्लेम राशि गरीब परिवारों को दी जा चुकी है। आपमें से कई लोगों को अनुभव हुआ होगा, परिवार-रिश्तेदारों से पता चला होगा कि नया पासपोर्ट बनवाने के लिए, रिन्यू करवाने के लिए भटकना नहीं पड़ता है। पोस्टऑफिस में भी अब पासपोर्ट की व्यवस्था बढ़ गई है।

उन्होंने कहा कि हम जो ठान लेते हैं वो करके रहते हैं। एक समय था जब, कोई उद्योग करना चाहता है, कंपनी बनाना चाहता है, पूंजी लगाना चाहता है तो एक जमाना था कि कंपनी रजिस्टर करवान में कई-कई दिन लग जाते थे। आज वो काम 24 घंटों में हो जाता है।

इससे पहले मोदी जब ओमान पहुंचे तो मस्कट के उस स्टेडियम के बाहर भारतीयों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। ये लोग पीएम मोदी की एक झलक पाने और उनका भाषण सुनने के लिए यहां आए।

वहीं ओमान के सबसे बड़े अखबार ‘द टाइम्स ऑफ ओमान’ ने लिखा- इससे पहले किसी विदेशी नेता के हमारे देश के दौरे के वक्त इतना जुनून नहीं देखा गया। ऐसा लग रहा है जैसे यहां कोई बहुत बड़ा कलाकार कॉन्सर्ट करने वाला है।

इस अखबार ने मोदी के दौरे पर लाइव ब्लॉग भी चलाया। इसमें दौरे से जुड़ी तमाम जानकारियां और फोटो फीचर दिए गए।

पीएम मोदी का यह पहला ओमान दौरान है। यहां करीब 8 लाख भारतीय रहते हैं। ओमान की कुल आबादी 44 लाख के आसपास है जिनमें 20 फीसदी तादाद भारतीयों की है। ओमान करीब मध्य प्रदेश राज्य जितना बड़ा है। यहां का क्षेत्रफल तीन लाख नौ हजार वर्ग किलोमीटर है।

खबर यह भी है कि ओमान में मोदी 100 साल पुराने शिवालय में दर्शन करेंगे। साथ ही मस्जिद भी जाएंगे।

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