आपके किचन में ही मौजूद है जिंदगी को रौशन करने का इलाज

मोतियाबिंद का इलाजमोतियाबिंद आँखों से जुड़ा ऐसा रोग है, जो आमतौर पर यह वृद्ध अवस्था में होता है। इसमें आंखों की पुतली पर एक हल्की परत जम जाती है। जिससे व्यक्ति को दिखना बंद हो जाता है। यह सफेद और काले रंग का होता है, यदि एक बार यह रोग शुरू हो जाए तो यह पर्दा धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। शुरुआत में लोग गंभीरता से इस बीमारी को नहीं लेते लेकिन समय के साथ यह पूरी आँख को भी ढक सकता है।

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चिकित्सा विज्ञान में मोतियाबिंद का सिर्फ एक ही इलाज है, वो है ऑपरेशन। मगर आयुर्वेद में इसके लिए ऑपरेशन के साथ-साथ घरेलु जड़ी बूटियों और औषधियों से भी इलाज किया जाता रहा है। आयुर्वेद में औषिधियों से मोतियाबिंद को रोका जा सकता है और पुनः आँखों को सही किया जा सकता है।

मोतियाबिंद दूर करने के आयुर्वेदिक नुस्खे-

  1. रोग के शुरू होते ही निर्मली को शहद में घिसकर आँखों में लगाने से मोतियाबिंद दूर हो जाता है।
  2. सौंफ का हरा पेड़ लाकर उसको कांच के बर्तन या चीनी मिट्टी के बर्तन में रख लीजिये, जब यह सूख जाए तब पीसकर छान लें। इसको सुरमे की तरह आँखों में लगाने से मोतियाबिंद दूर हो जाता है। यह प्रयोग एक से तीन महीने तक लगातार करें।
  3. नौशादर को खूब महीन पीसकर बारीक से बारीक कपड़े से छान कर रख लें। इसको सुरमे की तरह नेत्रों में लगाने से मोतियाबिंद ठीक हो जाता है।
  4. सफ़ेद प्याज का रस निकाल कर इसमें बराबर शहद मिला कर आँखों में सुबह शाम लगाने से कुछ दिनों में मोतियाबिंद सही होने लगता है।
  5. जिस स्त्री को लड़का हुआ हो उस स्त्री के दूध में भीमसेनी कपूर को पीसकर आँखों में लगाने से मोतियाबंद ठीक हो जाता है।
  6. बच, हींग, सौंठ तथा सौंफ इन सब को बराबर बराबर लेकर महीन पीस लें। और शहद में मिला लें। इसमें से तीन या चार ग्राम नित्य खाने से मोतियाबिंद बढ़ने नहीं पाता तथा धीरे धीरे ठीक हो जाता है। इस माजून को मोतियाबिंद शुरू होते ही खाना शुरू कर देना चाहिए। जितना जल्दी शुरू करेंगे उतना ही जल्दी ये असर करेगा। जब तक सही ना हो तब तक खाते रहें।
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