
कांवड़ यात्रा 2025 के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने मार्ग पर स्थित दुकानों के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब दुकानों पर दुकानदार का नाम प्रदर्शित करने के बजाय केवल दुकान का नाम लिखना अनिवार्य होगा। दुकान की पहचान के लिए क्यूआर कोड का उपयोग किया जाएगा, जिसे स्कैन कर ग्राहक दुकान से संबंधित सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। यह निर्देश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग (एफएसडीए) द्वारा जारी किए गए हैं।

नई रणनीति और प्रपत्र का उपयोग
खाद्य सुरक्षा विभाग ने स्पष्ट किया कि दुकानदार का नाम प्रदर्शित करने का कोई प्रावधान खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 में नहीं है। इसलिए, विभाग ने एक नया ग्राहक संतुष्टि फीडबैक प्रपत्र तैयार किया है, जिसे प्रत्येक दुकानदार को अपनी दुकान पर प्रदर्शित करना होगा। इस प्रपत्र में निम्नलिखित विवरण शामिल होंगे:
- दुकान का नाम
- लाइसेंस नंबर
- पता
- मोबाइल नंबर
- ईमेल आईडी (यदि उपलब्ध हो)
- क्यूआर कोड
क्यूआर कोड स्कैन करने पर ग्राहक को दुकानदार का नाम सहित अन्य सभी विवरण उपलब्ध होंगे। इसके अलावा, ग्राहक ‘फूड सेफ्टी कनेक्ट’ एप के माध्यम से मिलावट या अन्य शिकायतें दर्ज कर सकेंगे।
मिलावट पर त्वरित कार्रवाई
एप के जरिए दर्ज शिकायतें तुरंत कंट्रोल रूम तक पहुंचेंगी। संबंधित क्षेत्र के खाद्य निरीक्षक को सूचित किया जाएगा, जो एक घंटे के भीतर शिकायत का निपटारा करेगा। यदि प्राथमिक जांच में मिलावट की पुष्टि होती है, तो संबंधित खाद्य पदार्थ को नष्ट कर दिया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने वालों पर खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2006 की धारा 55 के तहत 2 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
जागरूकता और निगरानी
खाद्य सुरक्षा विभाग ने कांवड़ यात्रा मार्गों और धार्मिक स्थलों पर मिलावट रोकने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है। श्रद्धालुओं को खाद्य पदार्थों में मिलावट की पहचान करने के तरीके बताए जाएंगे। विभाग की मोबाइल वैन भी तैनात रहेगी, जहां लोग खाद्य पदार्थों की जांच करा सकेंगे। विशेष खाद्य सुरक्षा दलों को मेरठ, बुलंदशहर, बागपत, और हापुड़ जैसे क्षेत्रों में तैनात किया गया है, जो दूध, मिठाई, तेल, मसाले, और पेय पदार्थों के नमूने एकत्र कर जांच के लिए प्रयोगशालाओं में भेजेंगे।
पिछले विवाद और सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप
पिछले वर्ष 2024 में, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों ने कांवड़ मार्ग पर दुकानों को मालिकों के नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम रूप से रोक दिया था। कोर्ट ने कहा था कि दुकानदारों को केवल खाद्य पदार्थों का प्रकार (जैसे शुद्ध शाकाहारी) प्रदर्शित करना चाहिए, न कि उनके नाम या धार्मिक पहचान। इस बार, यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए दुकान का नाम और क्यूआर कोड प्रदर्शित करने की नीति अपनाई है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे और श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान हो।
कांवड़ यात्रा की तैयारियां
कांवड़ यात्रा 11 जुलाई 2025 से शुरू होगी और सावन शिवरात्रि (23 जुलाई) तक चलेगी। इस दौरान करीब 7 करोड़ श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। मेरठ, बुलंदशहर, बागपत, और हापुड़ में 838 विश्राम शिविर स्थापित किए गए हैं। मेरठ में 464, बुलंदशहर में 176, बागपत में 90, और हापुड़ में 108 शिविर हैं। प्रमुख तीर्थस्थलों जैसे बागपत के बाबा पुरमहादेव मंदिर, मेरठ के औघरनाथ मंदिर, और हापुड़ के बृजघाट में लाखों श्रद्धालु पहुंचेंगे।