मुख्यमंत्री के वादे के बाद भी दर-दर भटकने को मजबूर हैं शहीदों के आश्रित!

रिपोर्ट- उमेश मिश्रा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में मृतकों के आश्रितों को नौकरी नही दी जा रही है।यहां तक कि शहीद हुए पुलिस अफसर सुबोध कुमार सिंह के बेटे तक को नौकरी मिलना मुश्किल हो गया है जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें निरीक्षक पद पर नियुक्ति देने का वादा किया था।

ऐसे लगभग सैकड़ो मृतक आश्रित कोटे के हकदार दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर हैं जिनकी न सरकार सुन रही,न पुलिस विभाग न ही कोई पुलिस अधिकारी जो कि बड़ी विडम्बना का विषय है।

अपनी ड्यूटी दम खम लगाकर,जान हथेली पे रखकर,अपने घरों से दूर नींद बेचकर ड्यूटी करते हैं पुलिस विभाग के कर्मचारी ताकि जनता चैन से सो सके,कानून व्यवस्था बनी रहे।

लेकिन जब यही पुलिस कर्मी शहीद हो जाते हैं अपना फर्ज निभाते निभाते,ड्यूटी करते उनकी मौत हो जाती है या बीमारी से आकस्मिक मौत हो जाती है तो उन्ही का पुलिस विभाग उन्ही की उत्तर प्रदेश सरकार जिसके माध्यम से वह अपनी सेवाएँ प्रदान करते हैं वही उन्हें दर दर की ठोकरे खाने को मजबूर करता है।

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एक ओर जहां उन्हें दुख होता है अपने परिजन के खोने का दूसरी ओर जो नौकरी उन्हें सम्मान के साथ मिलनी चाहिए उसे पाने में मिलती ठोकरे और फिर न मिलने की उम्मीद उन्हें जीते जी मारती है।

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