‘बाबा का ढाबा’ के बुज़र्ग दंपत्ति ने बहुत कम उम्र में की शादी, जाने कैसा रहा कांता प्रसाद और बादामी देवी के जीवन का अब तक का सफर

सोशल मीडिया पर ट्रेंड हो रहे ‘बाबा का ढाबा’ के मालिक बुज़ुर्ग दंपत्ति का जीवन बहुत संघर्ष पूर्ण रहा है। ‘बाबा का ढाबा’ के मालिक बुज़ुर्ग दंपत्ति कांता प्रसाद और उनकी पत्नी बादामी देवी के सालों का परिश्रम और इंतज़ार आख़िरकार सफल रहा। सोशल मीडिया ने इस बुज़ुर्ग दंपत्ति की ज़िंदगी को चंद पलों में बदल कर रख दिया। इनके जीवन का कहानी बहत प्रेरणादायक है।


कांता प्रसाद ने अपने बीते जीवन के बारे में बात करते हुए कहा कि, “मेरी जब इससे शादी हुई तब मैं सिर्फ 5 साल का था और वह (उनकी पत्नी बादामी देवी) 3 साल की थी। उस दौर में अंग्रेज़ गैर शादीशुदा महिलाओं का उत्पीड़न करते थे, इसलिए शादियां जल्दी करा दी जाती थीं। हमारे पास कोई विकल्प नहीं था, मुझे इसे पसंद करना था और उसे भी मुझसे लगाव रखना था। यह एक ‘मोहर’ जैसा था, हम पर सिर्फ 5 साल की उम्र में एक साथ रहने का स्टाम्प लग गया था। 1961 में उसके परिवार वालों ने उसे मुझे सौंप दिया, मैं बहुत खुश था और उसे घर लेकर आया। हम 21 साल की उम्र में बेहतर अवसरों की उम्मीद में दिल्ली आए।”

इस बारे में आगे बात करते हुए कांता प्रसाद ने बताया कि कैसे वह पत्नी बादामी देवी संग दिल्ली आए और काम की शुरूआत की। कांता प्रसाद ने बताया कि, यहां वह शुरूआत में यमुना के किनारे रहते थे। उन्होंने फल के ठेले से अपने काम की शुरूआत की, मगर जब उनके बच्चे बड़े हुए तो कांता प्रसाद और बादामी देवी ने कुछ बेहतर करने का सोचा जिसके चलते उन्होंने ‘बाबा का ढाबा’ की शरूआत की। कांता प्रसाद आगे बताते हैं कि, “हमारी शुरुआत बहुत धीमी हुई थी, हम बस ज़रूरत पूरी करने भर की कमाई कर पाते थे और यह सिलसिला लगभग 30 सालों तक चला। कल जब मैंने लोगों, नेताओं, अभिनेताओं और मशहूर लोगों की भीड़ देखी तब मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था। मैं 21 साल की उम्र में इस बात के सपने देखा करता था और बीते दिन मैंने अपने सपने को सच होते देखा। ईश्वर हमारी सुनता है, आज नहीं तो शायद 30, 40, 50 या मेरी तरह 80 साल की उम्र में। एक न एक दिन हमारा सपना सच होता ही है, मैं अब और जीना चाहता हूँ। अपनी पत्नी को भी यूं ही मुस्कुराते हुए देखना चाहता हूँ। उसे बहुत जल्दी समझ आ गया कि कैमरा के सामने कैसे मुस्कुराना है, लेकिन मुझे समय लगा।”

यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज करेंगे बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा का विमोचन, पढ़े पूरा अपडेट

अपने काम को बढ़ाने के बारे में बात करते हुए कांता प्रसाद ने आगे कहा कि अब वह अपनी दुकान पर जा कर अमीरों की तरह अपनी दुकान पर किसी काम करने वाले को रखना चाहते हैं और साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी को पुराने दिनों की तरह चाय पिलाने ले जाने की इच्छा ज़ाहिर की। कांता प्रसाद कहते हैं कि, “यह सब देख कर ऐसा लगता है जैसे बस शुरुआत है।”

LIVE TV