यूएन में जाने से पहले खुली पाकिस्तान की पोल, न्यूयॉर्क में बिछीं बच्चों की ‘लाशें’

बलूचिस्तान को पाकिस्तानन्यूयॉर्क। बलूचिस्तान को पाकिस्तान के चंगुल से आज़ाद कराने को लेकर हो रहा प्रदर्शन अब संयुक्त राष्ट्र तक पहुँच गया है| बलूच कार्यकर्ताओं के एक समूह ने बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया| ये लोग पाकिस्तान से बलूचिस्तान की आज़ादी की माँग कर रहे थे|

इस विरोध प्रदर्शन को बलूचिस्तान मूवमेंट (एफबीएम) ने आयोजित किया था| प्रदर्शन के दौरान अमेरिकी और बलूच झंडे लहराए गये| प्रदर्शनकारी ,बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन बंद करो’ और ‘बलूचिस्तान पाकिस्तान नहीं है’ के नारे लगा रहे थे|

प्रदर्शनकारी लाल रंग से रंगे पांच बच्चों के पुतले भी अपने साथ लाए थे, जिसका मतलब पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान में बड़ों के साथ ही साथ बच्चों से की जा रही हिंसा से था| प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी बलों पर पिछले कुछ साल में हजारों लोगों को मारने और अगवा करने का आरोप भी लगाया|

बलूचिस्तान मूवमेंट ने कहा कि यह संयुक्त राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि वह अपने चार्टर के उल्लंघन और बलूचिस्तान में पाकिस्तान द्वारा की जा रही क्रूरता का संज्ञान ले।

ये प्रदर्शन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 71वें सत्र के दौरान उच्च स्तरीय आम बहस से एक सप्ताह पहले हुए हैं| पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ 21 सितंबर को महासभा को संबोधित करेंगे।

जब से भारत के प्राधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बलूचिस्तान की आज़ादी की बात की है, दुनियाभर में यह मुद्दा छाया हुआ है| इसके चलते बलूच लोगों में भी आज़ादी की उम्मीद जाग गयी है|

माना यह भी जा रहा है कि पाकिस्तान भी संयुक्त राष्‍ट्र महासभा की बैठक में भारत के खिलाफ जहर उगलेगा। पाकिस्तान वहां बलूचिस्तान का मुद्दा उठाएगा। उसकी मदद के लिए चीन भी तैयार है। दरअसल, पाकिस्तान और चीन बलूचिस्तान के मुद्दे पर एक होकर भारत पर दबाव बनाना चाहते हैं। हालांकि ये प्रदर्शन खुद पाकिस्तान पर भारी पड़ते दिख रहे हैं।

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