बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सरकार से क्लीन चिट, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और…

Report-Sanjay Pundir

रुड़की – सरकारी स्कूलों में बच्चों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिये उन्हें सरकारी स्कूलों में प्राइवेट स्कूलों की तरह सुविधाएं मुहैया कराने में शासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। शासन व शिक्षा विभाग अपने स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुविधाएं मिलने का दम भर रहा है।

बच्चों के उज्जवल भविष्य

लेकिन जमीनी स्तर पर सच्चाई ठीक इसके विपरीत है। ग्रामीण अंचलों के सरकारी स्कूल विभाग और शासन के दावों सर्व शिक्षा अभियान, शिक्षा के अधिकार और पढ़ेगा इंडिया- तो बढ़ेगा इंडिया की पोल खोलते दिखाई दे रहे हैं।

बता दें कि रूड़की क्षेत्र में मंगलौर के लिब्बरहेड़ी गाँव में राजकीय प्राथमिक विद्यालय प्रथम मे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सुविधाएं देना तो दूर जिम्मेदारों द्वारा उनसे झाड़ू लगवाई जाती है। यहां पढ़ने वाले बच्चे पहले स्कूल परिसर और कक्षाओं की सफाई करते हैं इसके बाद उन्हें पढ़ने का मौका मिलता है। जिससे झाड़ू लगाने से बच्चों की मन:स्थिति पर बुरा असर पड़ता है।

श्राइन बोर्ड को लेकर तीर्थ पुरोहितों के स्वर हुए तेज, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का फूंका गया पुतला

वहीं इस मामले में जब प्रधानाध्यापक वंदना से बात की गई तो प्रधानाध्यापक का कहना था कि प्रशासन हमें कहे कि आप स्कूल में झाड़ू लगाए तो हम झाड़ू लगाएंगे माने तो प्रधानाध्यापक का जवाब सही नहीं था। वहीं इस मामले को लेकर जब ए एस डी एम रुड़की रविंद्र सिंह बिष्ट से मिले तो उन्होंने कहा मामला मेरे संज्ञान में नहीं है मैं इस मामले की जांच कराता हूं ऐसे में सवाल यह उठता है कि जो देश के भविष्य हैं उनके साथ इतना बड़ा खिलवाड़ हो रहा है तो क्या होगा देश के भविष्य का।

LIVE TV