पुलिस उत्पीड़न से परेशान ग्रामीण गांव छोड़ने को मजबूर, जानें क्या है पूरा मामला

REPORTER- SACHIN TYAGI

बागपत। जनपद में विकास कार्यों में घोटाले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, मलकपुर गांव में घोटाले के खिलाफ एक ग्रामीण को आवाज उठाना भारी पड़ गया, जिसके खिलाफ ग्राम विकास अधिकारी ने मारपीट की एफ आई आर दर्ज करा दी।

जिसके बाद पुलिस उत्पीड़न से परेशान पीड़ित व्यक्ति ने गांव के अन्य लोगों के साथ गांव पलायन करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को ग्रामीणों ने एकत्र होकर प्रशासन को पलायन की चेतावनी भी दे डाली है।

आरोप है कि गांव के एक व्यक्ति द्वारा गांव के विकास कार्यों का ब्यौरा मांगा गया था और आरटीआई लगाकर गांव में हुए विकास कार्यों का ब्योरा जब उक्त व्यक्ति को नहीं मिला तो ग्रामीणों ने इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों तक कर दी।

जिससे बौखलाए ग्राम विकास अधिकारी ने गांव के 9 लोगों के खिलाफ मारपीट का मुकदमा दर्ज करा दिया। मुकदमा दर्ज होने के बाद ग्रामीण भी सड़कों पर उतर आए और उन्होंने कलक्ट्रेट पहुंचकर जिला अधिकारी बागपत से मामले की शिकायत की।

लेकिन उनकी शिकायत कि न तो कोई जांच हुई और ना ही घोटाले पर कोई संज्ञान लिया गया। आरोप है कि पुलिस द्वारा आरटीआई मांगने वाले ग्रामीणों का उत्पीड़न किया गया उनके घर में तोड़फोड़ कर दी गई पुलिस उत्पीड़न से परेशान ग्रामीणों ने मंगलवार को प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और प्रशासन चेतावनी दी है अगर गांव में हुए घोटाले पर कार्रवाई नहीं की गई और कोई उनकी सुनवाई नहीं हुई तो गांव के काफी संख्या में लोग पलायन को मजबूर होंगे।

ग्रामीणों का कहना है उन्होंने गांव में विकास कार्यों की शिकायत बागपत जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक की है लेकिन योगी राज में भी इन शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही बता दें कि जनसुनवाईयों को लेकर पहले ही बागपत जनपद के 23 विभाग डिफाल्टर घोषित हो चुके हैं जिसको लेकर जिलाधिकारी भी बार-बार नाराजगी जता रही हैं और कार्रवाई की चेतावनी दे रही हैं लेकिन ना तो कोई अधिकारी जनसुनवाईयों को लेकर गंभीर है और ना ही घोटाले को लेकर।

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मलकपुर गांव में घोटाले को लेकर ग्रामीणों द्वारा उठाई गई आवाज की जांच तो प्रशासन कर ही नहीं रहा है साथ ही विभागीय अधिकारी द्वारा कायाकल्प योजना में करोड़ों रुपए का घोटाला भी आज तक प्रशासन दबाए बैठा है इतना ही नहीं हाल ही में एसआईटी टीम द्वारा बागपत में छात्रवृत्ति में करोड़ो का घोटाला भी सामने आ चुका है अधिकारियों की मिलीभगत से चल रहे बागपत में घोटालों पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई अब देखने वाली बात यह है कि योगीराज में इस तरह के घोटालों पर कब तक लगाम लगेगी।

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