अब टीटीई की मनमानी में लगेगा अंकुश, ऐसे करें असली-नकली की पहचान

ट्रेनों में फर्जी टीटीई के पकड़े जाने की संख्या पर शिकंजा कसने के लिए रेलवे ने नई टेक्नोलॉजी का सहयोग लिया है. अब ट्रेनों में तैनात होने वाले टीटीई को क्यूआर कोड वाला आईडेंन्टिटी कार्ड देने का फैसला लिया गया है. इस पहचान पत्र में क्यूआर कोड से पैसेंजर्स असली व नकली टीटीई की पहचान बड़ी आसानी से कर सकेंगे.

अब टीटीई की मनमानी में लगेगा अंकुश, ऐसे करें असली-नकली की पहचान

हर महीने 6 से अधिक शिकायतें
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे बोर्ड व कंट्रोल रूम में हर महीने 6-7 फर्जी टीटीई के पकड़े जाने की शिकायत आती है. इसमें कानपुर-बांदा व झांसी रूट की ट्रेनों से अधिक शिकायत आती है. इस समस्या को खत्म करने के लिए रेलवे ने टीटीई को क्यूआर कोड वाला पहचान पत्र देने का फैसला लिया है.

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मोबाइल से स्कैन कर जान सकेंगे सबकुछ
रेलवे अफसरों के मुताबिक ट्रेन में तैनात टीटीई के फर्जी होने के शक पर कोई भी पैसेंजर्स उसके क्यूआर कोड वाले आईडेंन्टिटी कार्ड को अपने मोबाइल से स्कैन कर सकता है. इसके बाद पैसेंजर्स के मोबाइल में टीटीई का नाम, फोटो, कहां तैनात है समेत सभी पहचान स्क्रीन पर आ जाएगी.

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टीटीई की मनमानी में लगेगा अंकुश
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक टीटीई को क्यूआर कोड वाला पहचान पत्र देने से यात्रियों को एक और बड़ी सहुलियत मिलेगी. ट्रेन में अगर कोई टीटीई किसी भी पैसेंजर्स को बिना वजह परेशान कर रहा है तो पैसेंजर्स टीटीई के पहचान पत्र के क्यूआर कोड से उसकी पूरी जानकारी लेकर उसकी शिकायत रेलवे बोर्ड व कंट्रोल रूम में कर सकता है.

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