जेल से रिहा हुए कांग्रेसी नेता, निकलते पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

REPORT- ABISHEK YADAV

लखनऊ-लखनऊ हिंसा मामले में गिरफ्तार कांग्रेस कार्यकर्ता सदफ जाफर और पूर्व आईपीएस अफसर एसआर दारापुरी मंगलवार को जेल से रिहा हुए. जेल से रिहा होते ही एसआर दारापुरी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाए. दारापुरी ने कहा कि जब हिंसा हुई थी, तब मैं घर में नजरबंद था. इसके बाद मुझे गिरफ्तार कर लिया गया और खाना नहीं दिया गया. मुझे ठंड लग रही थी. मैंने कंबल की मांग की, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया.

एसआर दारापुरी ने कहा कि मुझे गिरफ्तार करने का कोई कारण नहीं था. मुझ पर सोशल मीडिया पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ टिप्पणी पोस्ट करने और लोगों को भड़काने का आरोप लगाया गया जो कि बिल्कुल गलत है.

कई निर्दोषों को फंसाया गया है और बेरहमी से पीटा गया है. हिंसा के लिए आरएसएस और भाजपा जिम्मेदार हैं. हमारी आवाज को खारिज नहीं किया जा सकता है, हम सीएए के खिलाफ विरोध जारी रखेंगे.99 प्रतिशत निर्दोष लोगों को पकड़ा गया बड़ी बेशर्मी के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए पीटा गया

वहीं, सदफ जाफर ने कहा कि 19 दिसंबर को जब लखनऊ में हिंसा हुई तो मैं फेसबुक लाइव के जरिए पुलिस की निष्क्रियता उजागर कर रही थी. हम शांतिपूर्वक सीएए के खिलाफ विरोध कर रहे थे, जो संवैधानिक है. योगी सरकार अमानवीय है.

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यह हिंदू और मुसलमानों के बीच फूट पैदा करने की कोशिश कर रही है. मुझे पुलिस हिरासत में बेरहमी से पीटा गया. यहां तक कि पुरुष पुलिस वालों ने भी मुझे पीटा था. पुलिसकर्मियों ने मुझे लात मारी.उनका संघर्ष जारी रहेगा वह खुल कर विरोध कर रही थी और करती रहेंगी पुलिस की मानवता खत्म होती जा रही ।

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