जानें क्यों मौत के बाद मुंह में रखी जाती है ये छोटी सी चीज, कारण जानकर आप जाएंगे सहम…

मृत्यु जीवन का परम सत्य है। संसार में आने वाले हर इंसान को एक न एक दिन जाना ही पड़ता है। इस दुनिया में किसी को अमरत्व प्राप्त नहीं है।इंसान की मृत्यु के बाद धर्म के आधार पर उसका क्रिया-कर्म किया जाता है ताकि उसकी आत्मा को शान्ति मिल सके।

हिंदू धर्म में मौत के बाद शव के मुंह में तुलसी और गंगाजल डाला जाता। इस्लाम में मृत व्यक्त‌ि के मुंह में आबे-जमजम रखा जाता है। क्या आपने कभी जानने की कोशिश की है कि ऐसा क्यों किया जाता है? आखिर इसके पीछे की वजह क्या है? आइए इस बारे में हम आपको पूरी जानकारी देते हैं।

जानें क्यों मौत के बाद मुंह में रखी जाती है ये छोटी सी चीज

सबसे पहले बात करते हैं गंगाजल के बारे में। जैसा कि हम जानते हैं कि हिंदुओं में गंगा को पवित्र नदी माना जाता है। पुराणों के अनुसार, गंगा नदी भगवान व‌‌िष्णु के चरण से न‌िकली है और श‌िव की जटा में इनका वास है।

मृत्यु के समय मुंह में गंगा जल रखने से आत्मा को शरीर त्यागने में अध‌िक कष्ट नहीं होता है। इसके साथ एक और मान्यता यह भी है क‌ि मुंह में गंगा जल होने से यमदूत नहीं सताते हैं।

इससे आत्मा के आगे का सफर असान हो जाता है। इन सबके साथ-साथ मुंह में गंगा जल डालने का एक और उद्देश्य है और वह ये कि शरीर छोड़कर परलोक जा रहा व्यक्त‌ि प्यासा न रह जाए।

गंगाजल के साथ-साथ मौत के समय मुंह में तुलसी पत्ता भी रखा जाता है। मान्यताओं के अनुसार, तुलसी हमेशा श्री व‌िष्णु के स‌िर पर सजती है। तुलसी धारण करने से यमराज आत्मा को कष्ट‌ नहीं पहुंचाता है।

जानें ऐसा क्या है इस गाय में, जो हर रोज दर्शन करने आते हैं हजारों लोग…कारण है बेहद दिलचस्प….

मरणोपरान्त परलोक में आत्मा को यमराज के कठिन दंड का सामना नहीं करना पड़े इसल‌िए मरते समय मुंह में तुलसी का पत्ता रखा जाता है।

अब बात करते हैं जमजम के पानी के बारे में। मक्का में स्‍थ‌ित एक पव‌ित्र कुएं से जमजम का पानी आता है। इस पानी का इस्लाम धर्म में उतना ही महत्व है जितना कि गंगाजल का हिंदू धर्म में।

ज‌िस तरह गंगाजल कभी खराब नहीं होता है ठीक उसी तरह जमजम का पानी भी हमेशा पाक रहता है। यही वजह है कि मौत के करीब आने पर व्यक्ति के मुंह में जमजम का पानी डाला जाता है।

LIVE TV