जानिए क्या है शक्तिवर्धक और प्रभावशाली नाश्ता

अंजीर एक ऐसा फल है जो जितना मीठा है। उतना ही लाभदायक भी है। अंजीर के सूखे फल बहुत गुणकारी होते हैं। अंजीर के साथ-साथ दूध का सेवन भी किया जाये तो यह एक बहुत ही शक्तिवर्धक आहार बन जाता है। वृद्धो के लिए तो अत्यंत लाभदायक है। बुढ़ापे में जवानी का एहसास होने लगता है।

अंजीर-दूध एक शक्तिवर्धक और प्रभावशाली नाश्ता

विधि

नित्य प्रात: केवल दो-तीन सूखे उन्तम अंजीर खाकर ऊपर से 250 ग्राम पिसी हुई मिश्री मिला दूध पीना अत्यन्त शक्तिवर्धक सिद्ध होता है। लगातार दो-तीन सप्तह ले।

विशेष

1. इससे कब्ज और खून की खराबी दूर होती है, क्योकि अंजीर कब्जनाशक, पिंन्त नाशक, रक्त-रोग निवारक तथा वायु विकार दूर करने वाला है। उसके सेवन से शरीर में सवैद थकावट सी महसूस होना, नींद सी बानी रहना, किसी कार्ये में मन नहीं लगना आदि शिकायतों में लाभ होता है। अंजीर खून बढ़ाता है, बलगम निकालता है एवं रंग निखारता है। दमा एवं श्रीय रोग में कफ की उत्पत्ति रोकने तथा शक्त्ति संवधर्न के लिए अंजीर का सेवन लाभप्रद रहता है। इसकी गुणवत्ता के कारण गांधी जी को अंजीर बहुत प्रिय थे।

2. कमजोर दांत वालो को चाहिए कि इन सूखे अंजीरो को थोड़े से पानी में रातभर भिगो छोडे। पानी इतना ही डाला जाये कि जिसे ये अंजीर अपने अंन्दर शोषित ( जज्ब ) कर ले और पात्र में अतिरिक़्त पानी न बचे। पानी पी कर ये अंजीर फूल जायेगे और ताजा अंजीर के समान मृदु हो जायेगे।

3. दो-तीन अंजीर प्रांत: भिगोकर रात में खाने और रात के भिगोए प्रांत: खाने से हर प्रकार की बवासीर दूर हो जाती है। इसके लिए निरन्तर एक मास तक सेवन करना चाहिए।

विकल्प

दो अखरोट की गिरियाँ, चार बादाम की गिरियाँ ( रात में पानी में भिगोई हुई, तथा सात नग मुनक्का ( बीज निकाली हुई ) -इन तीनो को नित्यं प्रांत: खूब चबाकर या पीसकर खाने और ऊपर से 250 ग्राम मिश्री युक्त्त दूध पीने से वृद्धि की शरीरक और मानसिक शक्त्ति में अपूर्व वृद्धि होती है। सर्दियों में तीन मास लगातार सेवन करने से वृद्धो में भी जवानो जैसा जोश उत्पत्र हो जाता है।

विशेष

1. यदि कब्ज हो तो इसी नाश्ते में दो-तीन अंजीर भी मिला सकते है।

2. मधुमेह के रोगी इस प्रयोग को न करे।

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