चीन और अमेरिका ट्रेड वॉर के बीच WTO की दिल्ली में हुई महत्वपूर्ण बैठक…
नई दिल्ली : विश्व व्यापार संगठन (WTO) की एक महत्वपूर्ण बैठक इस बार नई दिल्ली में होने जा रही है। जहां यह दो दिवसीय बैठक सोमवार 13 मई से शुरू होगी। लेकिन इसमें 16 विकासशील देशों के मंत्री और अधिकारी विभिन्न जरूरी मसलों पर चर्चा करेंगे।
बता दें की दो दिन की यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार को चुनौती मिल रही है। लेकिन अमेरिका और चीन के बची ट्रेड वॉर तो जारी है ही, भारत-अमेरिका और कई अन्य देशों में टैरिफ को लेकर उलझन बनी हुई हैं।
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खबरों के मुताबिक इस बैठक में चीन, मिस्र, इंडोनेशिया, मलेशिया, टर्की सहित 16 विकासशील देशों और छह सबसे कम विकसित देशों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे और WTO की व्यवस्था से जुड़ी अपनी चिंताओं को साझा करेंगे।
देखा जाये तो वर्षों में विश्व व्यापार संगठन की तय व्यवस्था से विचलन का दौर बढ़ा है। जहां तमाम देश एक-दूसरे से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ को लेकर उलझ रहे हैं।
वहीं इसका सबसे बड़ा उदाहरण अमेरिका और चीन के बीच जारी ट्रेड वॉर है, जिससे पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को समस्या हो रही है।जहां बातचीत में गतिरोध आ रहा और कई देश अपीलीय संस्थाओं की परवाह न करते हुए WTO की विवाद निपटान प्रणाली को ही चुनौती दे रहे हैं। लेकिन इसलिए WTO की व्यवस्था में अब प्रासंगिक बदलाव करने की मांग उठने लगी है।
दरअसल अंतरराष्ट्रीय वित्तीय एजेंसियां विश्व बैंक और आईएमएफ ने पिछले साल अक्टूबर में बाली में जारी एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान अमेरिका और चीन को सलाह दी थी कि वह डब्ल्यूटीओ नियमों के मुताबिक व्यापार करें क्योंकि इसी में दुनिया का भला है। जहां विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के प्रमुखों ने अमेरिका और चीन को सलाह दी कि वे वैश्विक बाजार में नियमों के मुताबिक व्यापार करें।
लेकिन अमेरिका की शिकायत है कि चीन की नीतियां अनुचित तरीके से आधुनिक प्रौद्योगिकी जुटाने की है जिससे विदेशी कंपनियों को नुकसान होता है।आईएमएफ का कहना है कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के पास अमेरिका की शिकायत को हल करने के तरीके हैं।
गौरतलब है कि जून 2020 में कजाकिस्तान में WTO का 12वां मंत्रिस्तरीय सम्मेलन हो रहा है इसलिए यह बैठक इसकी एक तरह से पूर्व तैयारी है कि कजाकिस्तान सम्मेलन में विभिन्न मसलों पर किस तरह से रचनात्मक तरीके से संवाद कायम किया जाए।
दरअसल इसके पहले मार्च 2018 में भी विश्व व्यापार संगठन (WTO) की मंत्री स्तरीय दो दिवसीय बैठक दिल्ली में हुई थी. इस बैठक में करीब 50 देशों ने विश्व व्यापार के मुद्दे पर मुक्त और खुली बातचीत की है। वहीँ बिना पूर्व घोषित एजेंडे के डब्ल्यूटीओ की इस बैठक का मकसद बहुपक्षीय व्यापार की विविध चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान करना था।