एक वक़्त था जब रेणुका सिंह लोन न चुकाने पर नज़रों में आईं थीं, अब हैं बीजेपी की दमदार आदिवासी नेता

रेणुका सिंह सरगुजा लोकसभा सीट से बीजेपी की उम्मीदवार हैं. सरगुजा छत्तीसगढ़ का एक जिला है. छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से एक है. ये सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. जिस पर रेणुका सिंह कांग्रेस के खेल साईं सिंह के खिलाफ खड़ी हैं. पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही हैं. अंबिकापुर क्षेत्र से बीजेपी की दमदार आदिवासी नेताओं में से एक हैं.

2003 और 2008 के चुनाव में रेणुका सिंह प्रेम नगर विधानसभा से विधायक रहीं. उन्हें महिला और बाल विकास मंत्री बनाया गया. ये मौका उन्हें छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह के दूसरे कार्यकाल में मिला. 2013 में वो प्रेमनगर विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार से हार गईं थीं. सरगुजा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष भी रहीं.

मार्च, 2019 में फेसबुक पर रेणुका सिंह ने राजनीतिक विज्ञापन पोस्ट कर दिया. आचार संहिता लगी थी. ऐसे में रेणुका को नोटिस मिला. ये नोटिस मीडिया सर्टिफिकेशन और मॉनिटरिंग कमेटी (एमएमसी) की ओर से था. इसमें रेणुका को दो दिन के अंदर एमएमसी के सामने विज्ञापन पोस्ट करने का सर्टिफिकेट दिखाना था. जिससे ये मालूम चल सके कि उन्होंने नियम का उल्लंघन नहीं किया है.

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बैंक ने फेमस कर दिया था

इन्होंने बैंक से लोन लिया था. इसका पता तब चला, जब बैंक ने एक न्यूजपेपर में ऐड दिया. इनको आंध्र बैंक में 13 लाख, 86 हजार, 368 रुपए लोन वापसी के तौर पर देने थे. नहीं दे पाईं तो उनके रायपुर के बंगले को बैंक ने कब्जे में ले लिया. बैंक की रायपुर शाखा में इनका नाम तो था ही. इनके बेटे यशवंत सिंह का नाम भी शामिल था. ये लोन रेणुका ने एक बंगला बनाने के लिए लिया था. कर्ज पूरे 20 लाख रुपए का था.

रायपुर की VIP रोड पर रेणुका ने घर बनाया, लेकिन कर्जे में डूबकर. बैंक ने रेणुका को कई नोटिस भी भेजे थे. डेडलाइन भी दी थी. उसके बाद भी पूरी रकम नहीं जमा हो पाई तो नोटिस जारी किया गया. रेणुका ने कहा था कि उन्होंने 8 लाख रुपए दे दिए थे. कुछ बाकी थे जो दे देतीं. बैंक की इस हरकत को इनसल्टिंग बताया.

हालांकि रेणुका ने किरकिरी होने के बाद लोन चुका दिया था. बैंक के द्वारा बंगले पर जो कब्जा किया गया था, वो कब्जा भी हटा लिया गया.

 

सरगुजा सीट पे रेणुका के खड़े होने का महत्त्व क्या है?

सरगुजा लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति यानी ST के लिए रिजर्व है. 16 लोकसभा चुनावों में से 10 बार कांग्रेस और 6 बार बीजेपी इस सीट पर टिकी रही.

विधानसभा की 8 सीटें हैं जो 2018 के विधानसभा चुनाव से सभी कांग्रेस के पास हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी इस सीट से जीती थी. सरगुजा सीट से सबसे ज्यादा गोंड समाज खड़ा हुआ है. रेणुका सिंह भी गोंड समाज से हैं. तो कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार भी ये सीट बीजेपी के ही पाले में आएगी. अगर ऐसा हुआ तो रेणुका सरगुजा में पहली महिला सांसद होंगी.

 

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