एक अनोखा देश जहां दवा के छिड़काव के लिए इस जानवर का सहारा लिया जाता हैं!

पूरी दुनिया में  कोरोना वायरस कहर बन कर उभर रहा हैंं,तो वहीं  सभी देश अपनी-अपनी तरह से इस वायरस से लड़ने की कोशिश में लगे हुए हैं। आज हम बात कर रहें हैं एक ऐसे देश की जहां कोरोना वायरस से लड़ने के लिए दवा के छिड़काव के लिए किसी इंसान की नहीं बल्की एक चिंपांजी की सहायता ली जा रही हैं।चिपांजी

वैसे आमतौर पर जगह-जगह सैनिटाइजेशन का काम तो इंसान कर रहे हैं, लेकिन थाईलैंड के एक चिड़ियाघर में यह काम चिंपाजी से करवाया जा रहा है। एक चिंपाजी साइकिल पर बैठकर चिड़ियाघर के अलग-अलग हिस्सों में डिसइंफेक्टेंट स्प्रे करता नजर आया। हालांकि इस घटना का वीडियो जब पशु अधिकार संगठन पेटा के पास पहुंचा तो उसने तुरंत इसकी शिकायत थाईलैंड पुलिस से कर दी। यह घटना थाइलैंड के सेमुट प्रैकर्न मगरमच्छ फार्म की है।

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पेटा का कहना है कि यह घटना बेहद ही दुखद है। थाईलैंड के चिड़ियाघर में जानवरों की स्थिति बहुत खराब है। पेटा की प्रवक्ता निराली शाह कहती हैं कि ‘चिड़ियाघर में चिंपांजी और मगरमच्छों की स्थिति दयनीय है। उनका इस्तेमाल सिर्फ लोगों के मनोरंजन के लिए किया जाता है और फिर पिंजड़ों में बंद कर दिया जाता है।’

अभी पिछले साल ही यहां एक हाथी को प्रताड़ित करने का वीडियो वायरल हुआ था। इसके अलावा मगरमच्छों को खाना न देने और भालुओं को गंदगी में रखने का भी मामला सामने आया था।

हालांकि पेटा की शिकायत के बाद चिड़ियाघर प्रशासन ने सफाई दी है। उनका कहना है कि ‘चिंपांजी से कोई व्यावसायिक गतिविधि नहीं बल्कि उन्हें एक्सरसाइज (व्यायाम) कराया जा रहा है, क्योंकि फिलहाल चिड़ियाघर बंद है और हर जगह खाली-खाली है। यहां के चिंपांजी प्रशिक्षित हैं और उन्हें बाहर निकालने का मकसद ये था कि वो अपना तनाव दूर कर सकें।’ उन्होंने कहा कि हम हफ्ते में दो या तीन बार पूरे चिड़ियाघर की साफ-सफाई करते हैं, ताकि जैसे ही उन्हें खोलने का आदेश मिले, हम पूरी तरह से तैयार रहें।

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