इस आयुर्वेदिक डाइट को बनाए जीवन का हिस्सा, रहेंगे स्वस्थ
आयुर्वेद का प्रारंभ भारत से हुआ और यह दो शब्दों आयुर, जिसका मतलब है जीवन और वेद यानी की विज्ञान से मिलकर बना है. इसलिए आयुर्वेद को जीवन का विज्ञान भी कहा जाता है. आयुर्वेदिक डाइट सभी खाद्य पदार्थों की पोषण संबंधी जानकारी पर जोर देती है और हमारी डाइट से असंसाधित भोजन को बाहर करने के बारे में बताती है.
आयुर्वेदिक डाइट के सहारे आप कैसे बीमारियों को दूर रख सकते हैं और अपना स्वास्थ्य बनाए रख सकते हैं इसके बारे में भी बताया जाता है. अगर आप आयुर्वेदिक डाइट का पालन करते हैं तो इससे आप वात, पित्त और कफ जैसे दोष से दूर रह सकते हैं और एक स्वस्थ जीवन बिता सकते हैं.
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आयुर्वेदिक डाइट एक तरह की भोजन योजना है, जिसमें आपको कब खाना चाहिए, क्या खाना चाहिए और अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए कैसे खाना चाहिए के बारे में बताया जाता है. आयुर्वेदिक डाइट बिल्कुल आपके नियमित डाइट से अलग होती है क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति की प्रकृति पर निर्भर करती है. दरअसल हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से अलग होता है इसलिए प्रत्येक की डाइट भी अलग होती है। एक प्रकार का खाना एक व्यक्ति को सूट कर सकता है लेकिन दूसरे को नहीं.
बीमारियों को दूर रखने और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आयुर्वेदिक दवा में एक व्यक्तिगत डाइट बेहद जरूरी है. आयुर्वेद शरीर, दिमाग और आत्मा यानी की पूरे व्यक्ति की समस्याओं को दूर करने के रूप में जाना जाता है.आयुर्वेद में डाइट, तनाव प्रबंधन, नींद, जड़ी बूटियों का प्रयोग और गतिविधियां साथ मिलकर पूरे स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करती हैं.
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आयुर्वेदिक डाइट और जीवनशैली में पोषण के बारे में कुछ सख्त निर्देश दिए गए हैं. इनमें से ज्यादातर स्वस्थ भोजन के बारे में बताते हैं. इन कुछ बिंदुओं को अपनाकर आप भी स्वस्थ जीवन बता सकते हैं.
- हर बार ताजा तैयार भोजन ही खाएं.
- अगर आपके आस-पास जैविक और स्थानीय रूप से विकसित अनाज या अन्य चीजें उपलब्ध हो तो उन्हें ही चुनें.
- प्रत्येक भोजन में इन सभी छह स्वाद मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, तीखा और कसैला को चुनें.
- पैकेट में बंद और प्रोसेस्ड फूड के उपभोग को कम करें.
- दूध, घी, बादाम, शहद और फलों को अपने रोजमर्रा के जीवन में अपनाएं.
- अपने रोजमर्रा के खाने में 50 से 60 फीसदी तक सब्जियों और फलों को जगह दें.
- अस्वास्थ्यकर तेलों को अपने भोजन से हटाए, जैसे कि हाइड्रोजनीकृत या आंशिक रूप से हाइड्रोजनीकृत तेल.
- सामान्य रहें और गुस्सा होने से बचें.
आयुर्वेदिक आहार हमारे रोजमर्रा के भोजन की असरलता को कम करता है और हमें संपूर्ण व असंसाधित खाद्य पदार्थों की ओर ले जाता है, जो कि एक स्वस्थ जीवनशैली का कारण है.