अचानक लापता हो गए अखिलेश यादव पर हत्या का आरोप लगाने वाले नेता

आज़मगढ़। जिले के प्रसिद्ध नेता और शिवपाल यादव की पार्टी के सदस्य एहसान खान 12 दिसंबर की रात से गायब हैं। इससे पहले उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके कथित मामा रविंद्र यादव पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।

उनके अधिवक्ता इफ्तिखार हुसैन ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व मंत्री बलराम यादव एवं रामआसरे विश्वकर्मा के साथ राजनीतिक दुश्मनी के कारण जीवन को खतरा बताते हुए अनहोनी की आशंका जताई है। इसके साथ ही उन्होंने एसपी और सीएम को पत्र भेजा है।

उनके वकील का कहना है कि उनको दोनो पूर्व मंत्री की तरफ से कई बार धमकी भी मिल चुकी है। मामले में एफआईआर दर्ज न होने पर नाराज़गी जताते हुए अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय में अपील करने की चेतावनी दी है।

इफ्तेखार हुसैन ने मुख्यमंत्री, राज्यपाल और पुलिस अधीक्षक को भेजे गए पत्र में आरोप लगाया है कि एहसान को धमकी से संबधित प्रार्थना पत्र 26 अक्टूबर को शहर कोतवाली में दिया था लेकिन मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी अब तक रिपोर्ट पंजीकृत नहीं की गयी। उनकी जान को खतरा पहले से ही था अब 12 दिसंबर से एहसान का मोबाइल बंद है और उनका कहीं पता नहीं चल रहा।

परिवार के लोग और समर्थक अनहोनी की आशंका से सहमे हुए हैं और सही सलामत वापस लौटने की दुआएं कर रहे हैं। लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। जिला प्रशासन मामले में हस्तक्षेप करें और मामले की जांच कराकर एहसान खान की बरामदगी सुनिश्चित करें।

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उन्होंने कहा कि अलीगढ़ में छह साधुओं की हत्या और इन्हीं हत्या के आरोप में हुए नौशाद और मुस्तकीम के फर्जी एनकांउटर को लेकर एहसान ने आवाज़ उठाई थी। 28 नवंबर को उन्होंने पूर्व डीआईजी वजीह अहमद के साथ स्वर्गीय साधू रामस्वरुप के घर गए थे।

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इसके बाद उन्होंने अतरौली स्थित नौशाद व मुस्तकीम के घर का दौरा किया। इसके बाद एहसान पर गवाहों को धमकाने का आरोप लगाते हुए कोर्ट से एनबीडब्ल्यू जारी कराया गया और 12 दिसंबर को उनके छित्तपुर व कोट मुहल्ला तथा लखनऊ आवास पर छापेमारी की गयी।

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