कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव का करीबी बताते हुए लेखपाल भर्ती का झांसा देकर छह लाख रुपये ठगे

अनुराग शिकायत लेकर जानकीपुरम थाना पहुंचे तो पता चला कि परमात्मा शरण ने बीते आठ महीने के दौरान कई लोगों को ठगा है। उसके खिलाफ जानकीपुरम और वजीरगंज में दो एफआईआर पहले से ही दर्ज हैं।
थाना से अनुराग को एसएसपी के पास भेज दिया गया है। एसओ गोपाल सिंह यादव ने बताया कि एसएसपी के आदेश के बाद ही एफआईआर दर्ज की जाएगी।
डालीगंज निवासी अनुराग ने बताया कि परमात्मा शरण से करीब आठ महीने पहले हाईकोर्ट के मुंशी हिमांशु शुक्ला के जरिए मुलाकात हुई थी। उसने लेखपाल के पद पर भर्ती कराने का झांसा देते हुए दस लाख रुपये का खर्च बताया था।
बातचीत के बाद छह लाख रुपये में मामला तय हुआ। करीब छह महीने पहले अनुराग ने ठग के घर जाकर उसे यह रकम सौंपी। कई महीने बाद भी नौकरी नहीं मिली तो उसने परमात्मा शरण से संपर्क किया लेकिन, वह टरकाता रहा।
वह भी कैबिनेट मंत्री शिवपाल से घरेलू संबंध बताकर लोगों को जाल में फंसाती थी। एक सफेद रंग की कार में पति-पत्नी साथ ही घूमते थे
ठगी के शिकार पीड़ितों की तरफ से एफआईआर कराने के बाद परमात्मा शरण और उसकी पत्नी विजयलक्ष्मी मोबाइल फोन बंद कर गायब हो गए।
पीड़ित उसके जानकीपुरम सेक्टर आई के यशोदापुरम स्थित घर पहुंचे तो पता चला कि जिस मकान को परमात्मा शरण अपने ससुर डॉ. विश्वकांत पांडेय का दिया गया तोहफा बताता था, वह किराए का है।
हिमांशु ने बताया कि परमात्मा शरण से उसकी मुलाकात पिता के माध्यम से हुई थी। उसके पिता सिक्योरिटी गार्ड हैं। परमात्मा शरण उन्हें जानता था और खुद को स्वास्थ्य सचिव बताता था। उसका रहन-सहन और रसूख देखकर वह प्रभावित हो गए।
बेटे की नौकरी के लिए बात की तो परमात्मा ने रुपया खर्च करने के लिए कहा। उसे बापू भवन के गेट पर बुलाया। हिमांशु बापू भवन पहुंचा तो परमात्मा ने बताया कि प्रदेश में दवा, फिनायल, कंबल व उपकरण खरीद का सारा काम उनके जरिए ही होता है।