लखनऊ: CBI ने अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया, मुख्य आरोपी गिरफ्तार

केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाने वाले इस अवैध कॉल सेंटर ऑपरेशन के मुख्य आरोपी विकास कुमार निमर को गिरफ्तार कर लिया गया। निमर के कब्जे से 14 लाख रुपये नकद, दर्जनों मोबाइल फोन, आपराधिक दस्तावेज और 52 लैपटॉप जब्त किए गए।

यह कार्रवाई अमेरिकी एजेंसियों की खुफिया जानकारी पर आधारित थी। निमर, जो पुणे और विशाखापट्टनम में VC Infrometrix Pvt Ltd नामक फर्जी कंपनी के तहत अवैध कॉल सेंटर चला रहा था, पिछले एक साल से फरार था। CBI ने 20 नवंबर 2025 को उसके लखनऊ निवास पर छापा मारा, जहां से उसे धर दबोचा गया। छापेमारी के दौरान लखनऊ में भी एक अवैध कॉल सेंटर का भंडाफोड़ हुआ, जो अमेरिकी नागरिकों को धोखा देकर लाखों डॉलर की ठगी कर रहा था।

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यह नेटवर्क लखनऊ से संचालित हो रहा था और पुणे, हैदराबाद तथा विशाखापट्टनम में भी इसके चार कॉल सेंटर पहले ही जुलाई 2024 में CBI ने ध्वस्त कर चुके थे। गिरोह अमेरिकी नागरिकों को फर्जी तकनीकी सहायता, निवेश स्कीम और अन्य घोटालों के नाम पर ठग रहा था। डार्क वेब पर आधारित यह सिंडिकेट रिश्वत और साइबर ठगी का बड़ा खेल खेल रहा था। अमेरिकी दूतावास ने CBI की इस कार्रवाई की सराहना की और कहा कि भारत-अमेरिका मिलकर अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क को नेस्तनाबूद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

पुणे के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट से वारंट प्राप्त कर CBI ने निमर को गिरफ्तार किया। जांच एजेंसी के अनुसार, यह गिरोह ट्रांसनेशनल था जो भारत से अमेरिका तक साइबर अपराध फैला रहा था। निमर को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां रिमांड की मांग की जाएगी।

CBI के महानिदेशक ने इसे साइबर क्राइम के खिलाफ महत्वपूर्ण कदम बताया। जांच जारी है और अन्य संदिग्धों की तलाश की जा रही है।

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