लापता सिपाही पर पुलिस का यह रवैया बेहद शर्मसार, एफआईआर दर्ज कराने के स्थान पर पुलिस ने कही ये बात

ऋषिकेश कोतवाली क्षेत्रांतर्गत एक जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स (ग्रीफ) का सिपाही रहस्यमय ढंग से लापता हो गया। दो दिन तक घर न पहुंचने पर उनके परिजनों ने कोतवाली पुलिस से सिपाही का पता लगाने की गुहार लगाकर एफआईआर दर्ज करने की मांग की, लेकिन पुलिस ने परिजनों को एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया।
लापता सिपाही

पुलिस ने परिजनों को एफआईआर के जगह गुमशुदगी का इश्तहार छपाने की सलाह दे डाली। रविवार को परिजन जब दोबारा शिकायत दर्ज करवाने पहुंचे तो कहीं जाकर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की।

ऋषिकेश में तैनात ग्रीफ में तैनात 52 वर्षीय विजयपाल पुत्र प्रताप सिंह निवासी रोहतक हरियाणा ने बीती 30 मई को ड्यूटी से 15 दिन का अवकाश लिया और उनके मित्र नेे उन्हें ऋषिकेश से बस में बैठाया। लेकिन सिपाही अपने घर नहीं पहुंचा। दो दिन तक सिपाही के घर न पहुंचने पर परिजन परेशान हो गए और दो जून को लापता सिपाही के भाई कुलदीप सिंधू ऋषिकेश कोतवाली पहुंचे।

पुलिस के रवैये को बताया शर्मना

उन्होंने पुलिस को सारी बात बताई और एफआईआर दर्ज करने को कहा। पुलिस ने सिपाही के परिजन को यह कहकर एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया कि गुमशुदगी दर्ज करा लो, आपका काम हो जाएगा। इसके बाद सिपाही का भाई वापस घर लौट गया। सोमवार को दोबारा कुलदीप कोतवाली पहुंचे और एफआईआर दर्ज कराई।

लापता सिपाही के छोटे भाई कुलदीप ने बताया कि पुलिस ने सात दिन तक उनके बड़े भाई की एफआईआर दर्ज नहीं की। इस कारण उनके परिवार को बहुत निराशा हुई। पुलिस की ओर से टाल मटोल का रवैया शर्मनाक है। कुलदीप के अनुसार, उन्होंने दो जून को पुलिस को बताया भी था कि उनके बड़े भाई के पास मोबाइल फोन भी नहीं है। इसके बावजूद पुलिस ने मदद करने के बजाए टालमटोल करते हुए इश्तहार छपाने की सलाह दे डाली।

CM योगी के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट लिखना पड़ा महंगा, युवक गिरफ्तार

लापता सिपाही के परिजन मुझ से सोमवार को मिले, जिन्हें मेरी ओर से कार्रवाई का आश्वासन देकर एफआरआई दर्ज कर ली गई है। पूर्व में दो जून को किस पुलिसकर्मी ने उन्हें गुमशुदगी दर्ज करने से मना किया। यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।

LIVE TV