
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार चिंताजनक बना हुआ है। मंगलवार को शहर का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 325 दर्ज किया गया, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आता है। इससे गाजियाबाद देश का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर बन गया, जबकि दिल्ली-एनसीआर में यह प्रदूषण के मामले में शीर्ष पर है।
चारों मॉनिटरिंग स्टेशनों पर हवा खराब से बहुत खराब श्रेणी में रही, जिसमें लोनी का AQI 383 सबसे अधिक था, जो गंभीर स्तर के करीब पहुंच गया। वसुंधरा में 335, इंदिरापुरम में 291 और सज्जनपुर में 290 का स्तर दर्ज हुआ। 11 अक्टूबर से प्रदूषण बढ़ रहा है, लेकिन ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप-2) के तहत उठाए जा रहे कदमों का जमीनी स्तर पर असर नजर नहीं आ रहा। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि बिना मास्क के बाहर न निकलें, खासकर बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को घर पर रहना चाहिए। सांस संबंधी बीमारियां बढ़ सकती हैं।
चारों स्टेशनों का AQI: लोनी सबसे जहरीली
मंगलवार को गाजियाबाद के प्रमुख स्टेशनों पर वायु गुणवत्ता का स्तर निम्न रहा:
| स्टेशन | AQI | श्रेणी |
|---|---|---|
| लोनी | 383 | बहुत खराब (गंभीर के करीब) |
| वसुंधरा | 335 | बहुत खराब |
| इंदिरापुरम | 291 | खराब |
| सज्जनपुर | 290 | खराब |
ये आंकड़े केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के हैं, जो दिखाते हैं कि लोनी और वसुंधरा सबसे प्रभावित इलाके हैं। दिल्ली का AQI 325 रहा, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में है, जबकि ग्रेटर नोएडा (339) और नोएडा (349) भी ‘बहुत खराब’ में हैं।
फैक्टरियों पर सख्ती: खुद करें छिड़काव, अन्यथा जुर्माना
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने यूपीसीडा और उद्योगों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने आसपास उड़ रही धूल पर खुद नियंत्रण करें। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि सोमवार को औद्योगिक क्षेत्र साइट-4 का निरीक्षण किया गया। उद्यमियों को कहा गया कि परिसर और आसपास पानी का छिड़काव करें ताकि धूल के कण जमीन पर बैठें। यदि निरीक्षण में धूल अधिक पाई गई, तो जुर्माना लगेगा। हाल ही में लोनी के इंडस्ट्रियल एरिया में नियम उल्लंघन पर कार्रवाई की गई थी।
आरडब्ल्यूए का प्रदूषण अधिकारी से मिलना: कारों पर बैन, वर्टिकल गार्डनिंग के सुझाव
जनपद की जहरीली हवा को लेकर कंफेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूए की टीम ने मंगलवार को प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से मुलाकात की। फेडरेशन चेयरमैन कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने AQI सुधारने के उपाय सुझाए, जैसे महीने का एक दिन कार-मुक्त रखना, मेट्रो पिलर और फ्लाईओवर पर वर्टिकल गार्डनिंग, तथा हिंडन श्मशान घाट पर केवल मोक्षदा प्रणाली से शव दहन।
पदाधिकारी जय दीक्षित ने बताया कि अधिकारी अंकित सिंह ने इन सुझावों को आगामी प्रशासनिक बैठक में रखने का आश्वासन दिया। बैठक में ज्ञान सिंह, चंदन सिंह, गणेश दत्त, राजेंद्र त्रिपाठी, रोहित गुप्ता, विनीत त्यागी और संदीप गुप्ता मौजूद रहे।
निगम का वाटर स्प्रिंकलिंग अभियान: 10 गाड़ियां सड़कों पर
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए नगर निगम ने वाटर स्प्रिंकलिंग अभियान तेज कर दिया है। करीब 10 वाटर स्प्रिंकलर गाड़ियां उतारी गई हैं—6 मोहन नगर और 4 वसुंधरा क्षेत्र में। रोस्टर के अनुसार इनका उपयोग शहर के विभिन्न हिस्सों में किया जा रहा है। नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश ने कहा कि विभाग ने टीम गठित कर छिड़काव सुनिश्चित किया है। यह कदम धूल कणों को दबाने के लिए उठाया गया है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय के उपाय जैसे हरियाली बढ़ाना जरूरी है।
वर्तमान में गाजियाबाद का AQI 188 (अस्वस्थ) है, लेकिन सर्दियों में यह और बिगड़ सकता है। ग्रेप-2 के तहत निर्माण कार्य सीमित हैं, लेकिन जमीनी असर कम दिख रहा है।





