लश्कर-ए-तैयबा सरगना और मुंबई हमले 26/11 का मास्टरमाइंड जकी-उर-रहमान गिरफ्तार
26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-तैयबा के सरगना जकी-उर-रहमान लखवी को टेरर फंडिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया है। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लश्कर-ए-तैयबा के सरगना जकी-उर-रहमान आतंकवादियों को आर्थक मदद पहुंचाने के आरोप में पाकिस्तान के पंजाब में उसे गिरफ्तार किया गया है। बता दें कि जकीउर रहमान लखवी ने हाफिज सईद के साथ मिलकर 26/11 के हमले की साजिश रची थी।
पाकिस्तान के पंजाब आतंक निरोधी विभाग के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की है कि लखवी को लाहौर में गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह डिस्पेंसरी के नाम पर मिले फंड का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए करता था। उसे साल 2008 में मुंबई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी करार दिया था। लखवी मुंबई हमला मामले में 2015 से ही जमानत पर था। उसे आतंकवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) ने गिरफ्तार किया। बहरहाल, सीटीडी ने उसकी गिरफ्तारी कहां से हुई, इस बारे में नहीं बताया है। इसने कहा, सीटीडी पंजाब द्वारा खुफिया सूचना पर आधारित एक अभियान में प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी जकी-उर-रहमान लखवी को आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया।
इसने बताया कि लखवी (61) को लाहौर के सीटीडी थाने में आतंकी वित्त पोषण से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया गया। सीटीडी ने कहा, लखवी पर एक दवाखाना चलाने, जुटाए गए धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में करने का आरोप है। उसने और अन्य ने इस दवाखाने से धन एकत्रित किएए और इस धन का इस्तेमाल आतंकवाद के वित्त पोषण में किया।
बता दे कि आतंकी हमले को लेकर मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया ने अपनी किताब में दावा किया है कि साल 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले को लश्कर ‘हिंदू आतंकवाद’ के तौर पर दिखाना चाहता था। इसके अलावा आतंकी कसाब को वह बेंगलुरु के समीर चौधरी के तौर पर मारना चाहता था। राकेश मारिया ने अपनी किताब ‘लेट मी से इट नाउ’ में मुंबई हमले समेत कई अन्य मामलों पर भी बड़े दावे किए हैं। किताब के अनुसार, आईएसआई और लश्कर आतंकी कसाब को जेल में ही खत्म करना चाहते थे और इसकी जिम्मेदारी दाउद इब्राहिम गैंग को दी थी। लश्कर के मुंबई हमले के बारे में बताते हुए मारिया ने किताब में लिखा है, ‘अगर सबकुछ योजना के अनुसार चलता तो कसाब चौधरी के तौर पर मरता और हमले के पीछे ‘हिंदू आतंकवादियों’ को माना जाता।’