आज के समय में सबसे ज्यादा लोग इटरनेट पर व्यस्त दिखाई देंगे। जिसको देखो वो सोशल मीडिया का दीवाना होता जा रहा हैं. जहां देखो लोग सोशल मीडिया को अपनी पहली पसंद चुन रहे हैं।लेकिन क्या आपको पता हैं कि आपके इंटरनेट का डाटा चोरी भी हो सकता हैं।
खबरों के मुताबिक दूरसंचार कंपनियों के किफायती कीमतों के डाटा पैक्स बाजार में उपलब्ध हैं। यही कारण है की अब देश में डाटा की खपत में बढ़ोतरी हुई है। उपभोक्ता डाटा लिमिट पर ध्यान नहीं देते हैं। वहीं देश में ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं।
देखा जाये तो ऑनलाइन धोखा धड़ी एक केस सामने आया है जिनमें उपभोक्ताओं का 10 जीबी डाटा चोरी गया हैं, लेकिन इस घटना की जानकारी ज्यादातर लोगों को नहीं मिली हैं। अब ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि कहीं आप भी इस ऑनलाइन फ्रॉड का1 शिकार तो नहीं हो गए है। सूत्रों के मानें तो बीते महीने कई एंड्रॉयड यूजर्स की निजी जानकारी लीक हुई थी।
जहां इसके साथ ही उनके फोन की बैटरी भी तेजी से खत्म हो रही थी। इस मामले को लेकर ऑरकल ने रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, लाखों एंड्रॉयड उपभोक्ताओं का मोबाइल डाटा एक ऐड फ्रॉड की वजह से नष्ट हुआ था और उनके फोन की बैटरी पर भी बुरा प्रभाव पड़ा था। वहीं, इस फ्रॉड को ड्रेनर बॉट (Drainer Bot) नाम दिया है।
वहीं आगे कहा गया है कि यह वायरस प्रभावित एप्स की सहायता से उपभोक्ताओं के मोबाइल डाटा का उपयोग करते हुए बिना अनुमति के एप को डाउनलोड करने लगता है। विशेषज्ञों के अनुसार, टेक जगत में करोड़ों एप ऐसे हैं जिनको लाखों बार डाउनलोड किया गया है। इस तरह के एप्स को ड्रेनर बॉट ने प्रभावित किया हैं।
दरअसल इस वायरस से भरे कोड का जानकारी टेक कंपनी टैपकोर (Tapcore) ने दी है। इस कोड ने गूगल प्ले स्टोर के लाखों एप को प्रभावित किया था जिनको अब ब्लैक लिस्ट कर दिया है। वही दूसरी तरफ ऑरकल के विशेषज्ञों का मानना है कि गूगल प्ले स्टोर पर अब भी इस कोड से इनफेक्टेड एप मौजूद हैं।
आपको अपने फोन की बैटरी और डाटा के इस्तेमाल पर नजर बनाएं रखनी होगी। यदि किसी एप को डाउनलोड करने के बाद बैटरी और डाटा अधिक खर्च हो रहे हैं, तो आप इस कोड का शिकार हो सकते है।