राहुल-खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, रखी ये बड़ी मांग, जम्मू कश्मीर पर कह दिया ये

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 16 जुलाई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए संसद के मानसून सत्र (21 जुलाई से 21 अगस्त ) में विधेयक लाने की मांग की।

यह मांग 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण और जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश में विभाजन के बाद से क्षेत्र के लोगों की लगातार उठ रही मांगों के संदर्भ में की गई है।

पत्र का सार

  • जम्मू-कश्मीर की मांग: खरगे और गांधी ने पत्र में कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग पिछले पांच वर्षों से पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग कर रहे हैं, जो उनका संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आजाद भारत में पहली बार किसी पूर्ण राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में बदला गया, जो अभूतपूर्व है।
  • लद्दाख की मांग: लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग की गई, ताकि वहां के लोगों की सांस्कृतिक, विकासात्मक, और राजनीतिक आकांक्षाओं की रक्षा हो और उनकी भूमि व पहचान सुरक्षित रहे।
  • प्रधानमंत्री के आश्वासन: पत्र में पीएम मोदी के पूर्व बयानों का हवाला दिया गया, जिसमें उन्होंने 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में और 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने का वादा किया था। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 मामले में भी जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया था।
  • मानसून सत्र में विधेयक: दोनों नेताओं ने मांग की कि सरकार मानसून सत्र में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए विधेयक पेश करे।

पृष्ठभूमि

  • जम्मू-कश्मीर: 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों—जम्मू-कश्मीर और लद्दाख—में विभाजित कर दिया। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा है, लेकिन यह केंद्र के अधीन है, और लेफ्टिनेंट गवर्नर के पास व्यापक शक्तियां हैं। सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर 2023 में इस कदम को बरकरार रखते हुए सरकार को जल्द से जल्द राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश दिया था।
  • लद्दाख: लद्दाख को बिना विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया, जिसके बाद वहां के लोग छठी अनुसूची के तहत स्वायत्तता की मांग कर रहे हैं। छठी अनुसूची आदिवासी क्षेत्रों में स्वशासन और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए विशेष प्रावधान प्रदान करती है। बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव और 2020 के लद्दाख हिल काउंसिल चुनाव में इसे लागू करने का वादा किया था, लेकिन यह अभी तक पूरा नहीं हुआ।
  • राजनीतिक संदर्भ: जम्मू-कश्मीर में हाल के विधानसभा चुनावों (सितंबर-अक्टूबर 2024) में नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 42 सीटें जीतीं, और इसके गठबंधन सहयोगी कांग्रेस ने 6 सीटें हासिल कीं। NC के नेतृत्व वाली सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रस्ताव पारित किया था।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और संभावनाएं

  • कांग्रेस और NC का रुख: कांग्रेस और NC, जो INDIA गठबंधन के हिस्सा हैं, ने जम्मू-कश्मीर के पूर्ण राज्य दर्जे को अपनी प्राथमिकता बताया है। हालांकि, दोनों दलों के बीच तनाव की खबरें भी हैं, खासकर कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई में आंतरिक कलह के कारण।
  • बीजेपी का रुख: पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने कई बार जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रतिबद्धता जताई है, लेकिन कोई समयसीमा नहीं दी गई। बीजेपी ने सितंबर 2024 में श्रीनगर में एक रैली में इसे दोहराया, लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि पूर्ण स्वायत्तता बहाल होने की संभावना कम है।
  • लद्दाख में असंतोष: लद्दाख में छठी अनुसूची की मांग को लेकर व्यापक असंतोष है। कांग्रेस ने बीजेपी पर 2019 और 2020 के अपने वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है।
LIVE TV