साड़ी पहन 13 हजार फीट से महिला ने लगाई छलांग, रचा इतिहास

महिलाओं का बोल बालामुंबई। आज के दौर में महिलाएं किसी से भी कम नही हैं. उन सारी गतिविधियों में महिलाओं का बोल बाला है जिस पर किसी दौर में पुरुषों का एकाधिकार था. ऐसे अनेको उदाहरण हैं जब महिलाओं ने देश को न सिर्फ गौरवान्वित किया है बल्कि अपने हुनर और जाबांजी के जरिये देश के परचम को बुलंद किया है.

हर तरह के खेलों में महिलाएं पुरषों पर भारी हैं चाहे टेनिस में सानिया मिर्जा हों, बॉक्सिंग में मैरी कॉम, या फिर क्रिकेट में मिताली राज और झूलन गोस्वामी सरीखे नाम, सभी ने अपने-अपने क्षेत्रों में प्रतिद्वन्दियों को धुल चटाकर विशिष्ट जगह हासिल की है.

ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है शीतल राणे महाजन ने जिन्होंने स्काईडाईविंग में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है.

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थाईलैंड के पटाया में महाराष्ट्र के पुणे की रहने वाली शीतल राणे महाजन ने 13 हजार फीट की ऊंचाई से महाराष्ट्रीयन नव्वारी साड़ी पहनकर छलांग लगाकर एक नया इतिहास रच डाला. एडवेंचर स्पोर्ट्स में दुनिया 2003 से नाता रखने वाली पहली भारतीय हैं जिन्होंने 9 मीटर से ज्यादा लंबी साड़ी पहनकर छलांग लगाई.

पद्मश्री से सम्मानित शीतल जुड़वां बेटों की मां हैं. अपने 14 साल के करियर में शीतल ने नेशनल और इंटरनेशलन स्तर पर 705 स्काइडाइव लगा चुकी हैं.

आमतौर पर स्काइडाइवर छलांग की तैयारी में अपने शरीर पर जो लिबास या कॉस्ट्यूम पहनते हैं वह एकदम फिट होता. क्योंकि ऊंचाई से छलांग लगाते समय तेज हवाओं के थपेड़े उलझन न पैदा करे. लेकिन कुछ अलग करने का जुनून शीतल पर सवार था. इसलिये उन्होंने 13 हजार फीट की ऊंचाई से महाराष्ट्रीयन साड़ी (9 मीटर) पहनकर छलांग लगाकर इतिहास रच डाला.

शीतल ने स्काइडाइविंग कमांडर कमल सिंह ओबड से प्रेरित हो कर शुरू किया था. शीतल ने बताया कि 2000 में वो पुणे में अपने घर के पास वाले प्रेस की दुकान से जब घर के कपडे़ लाने गयी थी तब उसकी नजर कपड़े पर लपेटे गए न्यूज पेपर पर गई. न्यूज पेपर में कमल सिंह ओबड की फोटो छपी थी. कमल उस वक्त पुणे के एनडीए में पोस्टेड थे.

कमल सिंह ओबड पहले भारतीय थे जिन्होंने नॉर्थ पोल और साउथ पोल पर स्काइडाइविंग की थी. शीतल ने वो खबर देखी और ठान लिया के उसे स्काइडाइवर बनना है. दो साल के प्रयास और जिद्द के बाद शीतल ने आर्टिक सर्कल पर उनके जीवन की पहली स्काइडाइव की.

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शीतल दुनियाभर में अब तक 704 छलांगे लगा चुकी हैं. शीतल के डाइविंग सफर के बारे में अगर कहा जाए तो अप्रैल, 2004 में एडवेंचर स्पोर्ट की शुरुआत की. तब उन्होंने नॉर्थ पोल पर माइनस 37 डिग्री टेम्परेचर में 2400 फीट से छलांग लगाई. एंटार्टिका में 2016 में 11,600 फीट से जंप किया था. ऐसा करने वाली वो दुनिया की पहली यंगेस्ट महिला बनीं थी.

राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से 2006 में राष्ट्रीय साहस पुरस्कार से और 2011 में राष्ट्रपति प्रतिभा ताई पाटिल द्वारा पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.

शीतल ने स्काइडाइवर वैभव से नवंबर 2011 में शादी की जिसके लिए सभी रस्में आसमान में 750 फीट ऊंचाई पर हॉट एयर बलून में हुई थीं और उसके बाद यह देश का पहला सिविलियन कपल बना जो स्काइडाइवर है.

कारनामो से शीतल का पुराना और गहरा नाता है लेकिन इस बार उन्होंने जो कर दिखाया है वो वाकई तारीफ के काबिल है.

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