महिला आरक्षण विधेयक शीर्ष प्राथमिकता हो : नायडू

नई दिल्ली। राज्यसभा के पदेन सभापति वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि महिला आरक्षण विधेयक शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने राजनीतिक दलों से सही मायने में नारी सशक्तीकरण के लिए मसले का राजनीतिकरण करने से दूर रहने का आग्रह किया।

वेंकैया नायडू

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अपने संदेश में नायडू ने लिंग समानता, महिलाओं की सुरक्षा और बच्चियों के साथ होने वाले भेदभाव पर चिंता जाहिर की।

नायडू ने राज्यसभा में कहा, “द्रुत गति से प्रगति के लिए देश की आबादी में महिलाओं की आधी हिस्सेदारी के साथ-साथ इनका सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक सशक्तीकरण और संसद व राज्यों की विधानसभाओं महिलाओं को आरक्षण प्रदान करना शीर्ष प्राथमिकता होनी चाहिए।”

उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस भारत समेत पूरी दुनिया की सामान्य महिलाओं की अथक प्रबिद्धता व संकल्प को सम्मान करने का दिन है। उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी के अविस्मरणीय कथन, ‘दुनिया में बदलाव देखने की कामना करते हों तो खुद को बदलो’ शायद आज भी प्रासंगिक है।”

नायडू ने कहा कि महिला ने साबित कर दिखाया है कि वह किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है बल्कि बहुविधात्मक कार्यो में वे पुरुषों से आगे हैं।

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उपराष्ट्रपति ने महिला सांसदों को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए उनके माध्यम से पूरे देश की जनता को बधाई दी। इस मौके पर उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और भारतीय संविधान के निर्माता बी. आर. अंबेडकर के कथनों को याद किया।

अभिावादन के बाद नायडू ने महिला सदस्यों को इस मसले पर बोलने का अवसर प्रदान किया।

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कांग्रेस की रजनी पाटिल और छाया वर्मा समेत कुछ महिला सांसदों ने जब पूछा कि क्या सरकार महिला आरक्षण विधेयक लाएगी तो भारतीय जनता पार्टी की सांसद संपतिया उइके और रूपा गांगुली ने उनका प्रतिरोध किया। इस पर नायडू ने सांसदों को महिलाओं के मसले पर आरोप-प्रत्यारोप करने से परहेज करने का आग्रह किया।

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