ऐन वक्त पर अखिलेश ने जड़ा सिक्सर, फेरा भाजपा की उमीदों पर पानी

लखनऊ। पिछले यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान जो गलती अखिलेश यादव से हुई अब वे उसे दोहराना नहीं चाहते। इसलिए आगामी राज्यसभा सीटों पर होने वाले मतदान से ठीक पहले अखिलेश ने अपनी भूल को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाकर भाजपा के अरमानो पर पानी फेर दिया।

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अखिलेश यादव

बता दें शुक्रवार को 10 राज्यसभा सीटों के लिए मतदान होना है। भाजपा राज्यसभा में अपनी 9 सीटें पक्की करने का ख्वाब देख रही थी। लेकिन अखिलेश का शिवपाल से मेल बढ़ाना भाजपा की उम्मीदों पर पानी फेरने वाला साबित होता दिखाई दे रहा है।

दरअसल एक राज्यसभा सीट को जीतने के लिए 37 वोटों की जरूरत होती है। बीजेपी अपने बूते 8 राज्यसभा सीटों पर आसानी से जीत जाएगी।

इसके बाद बीजेपी और उसके सहयोगियों के 28 वोट बचते हैं। ऐसे में 9वीं सीट के प्रत्याशी अनिल अग्रवाल को जिताने के लिए उसे 9 और वोटों की जरूरत है। निर्दलीय और सपा-बसपा के बागी विधायकों के सहारे बीजेपी अपनी जीत की आस लगाए हुए हैं।

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खबरों के मुताबिक़ अखिलेश ने मतदान से ठीक पहले अपने आवास पर एक डिनर पार्टी का आयोजन किया था जिसमें चाचा शिवपाल भी अखिलेश यादव के साथ मुस्कुराते हुए नजर आए।

शिवपाल के मैदान में उतरते ही बीजेपी का 9 सीटों पर कब्जा जमाने का सपना बिखरता हुआ नजर आ रहा है। उत्तर प्रदेश की राजनीति में सपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शिवपाल यादव का अपना कद है।

बीजेपी शिवपाल और अखिलेश की नाराजगी को अपने 9वें उम्मीदवार की जीत का कारण बना रही थी, लेकिन अखिलेश ने राज्यसभा चुनाव से दो दिन पहले शिवपाल को अपने साथ लाकर बीजेपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। अब शिवपाल सपा और बसपा के उम्मीदवार को जिताने की जद्दोजहद में जुट गए हैं।

वहीं राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के पक्ष में वोट डालने का ऐलान कर चुके निषाद पार्टी के इकलौते विधायक विजय मिश्रा शिवपाल यादव से मिलने उनके घर पहुंच गए।

खबरों की मानें तो बीएसपी उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को जिताने की कमान विपक्ष की ओर से अब शिवपाल यादव के हाथ में आ गई है। देश के सबसे बड़े सूबे की सभी पार्टियां अपना-अपना किला बचाने में जुटी हैं।

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