एक बाइक के लिए बोरा भर रुपया लेकर पहुंचा ‘हिन्दुस्तानी’, डीलर की आंखों ने छोड़ा धुआं

नई दिल्ली। किसी चीज की तमन्ना करना आसन है, लेकिन उस ख्वाहिश को हकीकत के अंजाम तक पहंचाने वाला जज्बा बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है। ऐसा ही एक किस्सा मध्य प्रदेश में देखने को मिला। इस किस्से को सुनने के बाद आपको थोड़ा शॉक जरूर लगेगा, लेकिन बाद में शायद आपको यह प्रेरणादायक भी लगे।

ये किस्सा है मध्यप्रदेश के हसीब हिंदुस्तानी का, जो बहुत मन से अपने घर के नजदीकी बाइक शो रूम पहुंच गए।

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अपनी मन-पसंद बाइक हीरो स्पलेंडर को देखते ही उनकी चेहरे की मुस्कान और आँखों की चमक दोगुनी हो गई थी।

बाइक की कीमत 57 हजार रुपए उन्होंने कैश काउंटर पर रख दिए, लेकिन काउंटर पर मौजूद शख्स ने वो रुपए लेने से इनकार कर दिया।

देखते-देखते हसीब की आँखों की वो चमक पल भर में हिरन हो गई। होश फाख्ता हो गए। आखिर ऐसी क्या वजह रही कि पैसा देने के बाद भी शो रूम वाले उसे बाइक बेचने के लिए तैयार नहीं थे।

दरअसल उसने 57 हजार की जो कीमत काउंटर पर अदा की उसे देखकर वहां मौजूद सभी जन अचंभित थे। इससे पहले उनके साथ ऐसा कभी नहीं हुआ था। लेकिन आखिर हुआ क्या था?

बता दें हसीब हिदुस्तानी ने बाइक खरीदने के लिए बड़े ही अरमानों से पैसे जमा किया था। इसके लिए उसने एक डिपोजिट बॉक्स बना रखा था।

इस बॉक्स में कभी वो 1 का सिक्का डालता तो कभी 2 का यदाकदा बॉक्स में 5 और 10 के सिक्कों को भी जगह मिल जाया करती थी।

करते-करते जब हसीब ने बाइक की कीमत जोड़ ली तो यही सिक्के वह शो रूम लेकर पहुंच गया था। अब इन सिक्कों को देख शो रूम पर मौजूद सभी लोगों की आखें फटना लाजमी था।

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57 हजार के चिल्लर लेकर भला कोई बाइक खरीदने पहुंचेगा यह बात सोच पाना उनकी कल्पना से भी परे था।

गजब का साहस था और महान था वो आत्म विशवास जिसकी बदौलत हसीब ने इस काम को अंजाम दिया।

आखिरकार हसीब की कहानी को जानने के बाद शो रूम के मालिक को रहम आ गया और उन्होंने पूरे स्टाफ को सिक्कों को गिनने के काम में लगा दिया।

हसीब ने बताया कि उनको पैसे जोड़ने की प्रेरणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक स्पीच से मिली थी जिसमें उन्होंने छोटी-छोटी बचत करने की सलाह दी थी। हसीब के मुताबिक, तब से ही उनके परिवार वाले पैसे जोड़ रहे थे।

शोरूम वालों ने कहा कि सारी चिल्लर को बैंक में जमा करवा दिया जाएगा ताकि खुल्ले पैसों की कमी कुछ हद तक कम हो सके।

हसीब मध्यप्रदेश के राइसिन शहर में एक दुकान चलाते हैं। वह गुरुवार (12 अक्टूबर) को अपने घर के पास वाले हीरो शो रूम पहुंच थे।

करीब तीन घंटे गिनाई का काम चलता रहा तब जाकर मालूम पड़ा कि हसीब 10 के 322 सिक्के, पांच के 1,458 सिक्के, दो के 15,645 सिक्के और एक के 14,600 सिक्के लेकर उनके पास पहुंचे थे। यानी कुल 56,500 रुपए ( करीब 57 हजार)।

हसीब ने बताया था कि उसके परिवार में दस लोग हैं जो पिछले तीन सालों से वह बाइक खरीदने के लिए एक-एक पैसा जोड़ रहे थे। इतना सुनकर शोरूम डीलर की आंखों में आंसू आ गए थे।

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