
लखनऊ स्थित समाजवादी पार्टी (सपा) मुख्यालय में शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर योगी सरकार को घेरा।
उन्होंने गन्ना मूल्य घोषणा पर तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने गन्ना मूल्य और भुगतान की जानकारी का विज्ञापन अंग्रेजी अखबार में छापा है। अब बताइए, कितने किसान अंग्रेजी में यह पढ़ पाएंगे? अखिलेश ने गन्ना मूल्य में 30 रुपये से ज्यादा की वृद्धि की मांग की ताकि किसान खुशहाल हो सकें। उन्होंने बहराइच की गन्ना मिल के बंद होने का जिक्र किया जहां जिम्मेदार किसानों का करोड़ों रुपये लेकर भाग गए। ये सब सरकार के पोषित लोग हैं। अब सरकार मंडियां भी बेचना चाहती है। सत्ता में आने पर सरदार पटेल के नाम पर विश्वविद्यालय बनवाएंगे।
सपा चीफ ने विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के दूसरे चरण पर कहा कि इतनी बड़ी प्रक्रिया में जाति का अतिरिक्त कॉलम जोड़ा जाए। इससे जाति जनगणना, बेहतर नीति निर्माण और कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। उम्मीद है कि सरकार सुझाव पर विचार करेगी। कानपुर के अखिलेश दूबे की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस सरकार में भ्रष्टाचार चरम पर है। विकास दुबे की गाड़ी इसलिए पलटी गई थी कि सरकार न पलट जाए। अब अखिलेश दूबे को बचाया जा रहा है। विश्वविद्यालयों में कुलपति नियुक्ति में भी भ्रष्टाचार साफ दिख रहा है।
अखिलेश ने महिलाओं व बेटियों की असुरक्षा पर कहा कि भाजपा सरकार में वे सबसे ज्यादा असुरक्षित हैं। दलित व पिछड़े मारे जा रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में कोई खास काम नहीं हुआ। एंबुलेंस हमारी सरकार ने चलाई थीं, संख्या बढ़ाई जाएगी। भाजपा के बड़े नेता आज भी सपा सरकार के मेदांता अस्पताल में इलाज कराते हैं। यहां इलाज भगवान भरोसे है।
 
 





