
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी की कैबिनेट में पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन ने शुक्रवार को मंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की। राजभवन में आयोजित समारोह में राज्यपाल जिश्नु देव वर्मा ने उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस समारोह में मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। अजहरुद्दीन के शामिल होने से कैबिनेट का आकार 16 हो गया है, जबकि विधानसभा के आकार के अनुसार अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं। दो और नियुक्तियां संभव हैं।
अजहरुद्दीन को अगस्त में राज्यपाल कोटे से विधान परिषद सदस्य नामित किया गया था। वे तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमिटी (टीपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। उन्होंने 99 टेस्ट और 334 वनडे मैच खेले और 1990-91 तथा 1995 एशिया कप में भारत को कप्तानी में जीत दिलाई। 2000 में मैच फिक्सिंग कांड में फंसने के बाद क्रिकेट से दूर रहे लेकिन 2018 में कांग्रेस में शामिल हुए।
शपथ के बाद अजहरुद्दीन ने कहा कि वे खुश हैं और पार्टी हाई कमांड, जनता तथा समर्थकों का आभार व्यक्त करते हैं। उन्होंने उपचुनाव से जोड़ने के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह उपचुनाव से बिल्कुल अलग मामला है। वे ईमानदारी से दबे-कुचले लोगों के उत्थान के लिए काम करेंगे। उन्होंने बीजेपी नेता जी. किशन रेड्डी के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें किसी से देशभक्ति का सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।
यह नियुक्ति जубिले हिल्स विधानसभा उपचुनाव से ठीक पहले हुई है, जहां एक लाख से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। जून में हृदयाघात से बीआरएस विधायक मगंती गोपीनाथ की मौत के बाद यह उपचुनाव जरूरी हुआ। कांग्रेस के लिए यह सीट मुश्किल है और अजहरुद्दीन की नियुक्ति को अल्पसंख्यक वोट मजबूत करने का रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
बीजेपी ने इसे कटाक्ष करते हुए अल्पसंख्यक तुष्टिकरण और वोट बैंकिंग का आरोप लगाया। प्रदेश बीजेपी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को शिकायत की कि यह मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन है और उपचुनाव प्रभावित करने का प्रयास है।
बीजेपी विधायक पायल शंकर ने पत्र में कहा कि यह योग्यता नहीं बल्कि चुनावी फायदे के लिए नियुक्ति है। बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस मुस्लिम वोटरों को लुभाने के लिए कैबिनेट विस्तार कर रही है।
 
 




