अपने निजी लाभ के लिए मौलाना करते है फतवे का इस्तेमाल: निदा खान

रिपोर्ट- मुजाम्मिल दानिश

संभल। संभल जिले के चन्दौसी में मिनी महिला मैराथन दौड़ में भागीदारी करने पहुंची तीन तलाक पीड़िता निदा खान ने बयान देते हुए कहा कि कुछ मौलाना अपने  निजी लाभ के लिए  फतवे का इस्तेमाल कर रहे है। फतवा केवल राय व मशवरे के लिए है। तलाक और हलाला पूरी तरह से असंवैधानिक है। न्यायालय भी इसे अवैध घोषित कर चुका है। मुस्लिम महिलाओं के सम्मान के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा।

मैराथन

तीन तलाक पीड़िता निदा खान ने कहा की फतवे  को लेकर मुस्लिम समाज में जागरूकता की कमी है। कुछ मौलाना इसे अपने निजी लाभ के लिए इस्तेमाल करते हैं। अधिकांश मुस्लिम महिलाएं अज्ञानता के कारण उस असंवैधानिक परंपरा को चुपचाप सह रही है।

निदा खान ने कहा कि फतवा केवल राय और मशवरे के लिए होता है। इस्लाम के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है, जो चीजें जहां पर हैं वहां लाने की जरूरत है। मौलाना के द्वारा उनके खिलाफ फतवा जारी करने के सवाल पर बोली कि समाज में जब अच्छाई की शुरुआत होती है, तो उसका विरोध जरूर होता है।

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न्यायालय ने भी तीन तलाक को असंवैधानिक व अवैध घोषित कर दिया है। कुछ मौलाना है, जो महिलाओं को आगे बढ़ने नहीं देना चाहते है। उन्होंने कहा कि समाज में बेटियों को बराबर का दर्जा दिया जाना चाहिए । इसको लेकर वे संघर्ष कर रही है और  न्यायालय  के रास्ते  सम्मान दिलाने के  प्रयास में लगी है और इसी को लेकर व आज इस जागरुकता रैली में हिस्सा लेने आई है।

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