यूपी: पंचायत चुनाव 2026 के लिए सपा की रणनीति, आरक्षण-परिसीमन पर कड़ी नजर, जिम्मेदारियां सौंपी

उत्तर प्रदेश में 2026 में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। पार्टी ने आरक्षण और परिसीमन प्रक्रिया पर विशेष निगरानी रखने की रणनीति बनाई है ताकि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कोई अनियमितता न कर सके। सपा ने हर जिले में पदाधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपकर और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित कर इसकी निगरानी शुरू कर दी है।

सपा की रणनीति और तैयारियां

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही चेतावनी दी है कि भाजपा डेटा और तकनीक का इस्तेमाल कर परिसीमन और आरक्षण में हेरफेर कर सकती है। उनका कहना है कि भाजपा आईटी प्रोफेशनल्स की मदद से ग्राम पंचायतों के जातीय आंकड़ों को प्रभावित करने की कोशिश कर सकती है, जिससे सपा के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) वोट बैंक को नुकसान पहुंचे। इसके जवाब में सपा ने निम्नलिखित कदम उठाए हैं:

  • जिम्मेदारियां सौंपी: प्रत्येक जिले में सपा पदाधिकारियों को आरक्षण और परिसीमन डेटा की निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है। प्रदेश मुख्यालय स्तर पर वरिष्ठ नेताओं की एक टीम भी इस काम में लगी है।
  • कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण: सपा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि वे ग्राम, क्षेत्र, और जिला स्तर पर अधिकारियों के सामने अपनी बात मजबूती से रख सकें। यह प्रशिक्षण आरक्षण नियमों और परिसीमन प्रक्रिया की बारीकियों पर केंद्रित है।
  • चुनाव आयोग और कोर्ट का रास्ता: यदि कहीं अनियमितता पाई गई, तो सपा तुरंत राज्य निर्वाचन आयोग को शिकायत करेगी। जरूरत पड़ने पर पार्टी कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी।

आरक्षण और परिसीमन पर फोकस

पंचायत चुनाव 2026 में आरक्षण और परिसीमन की प्रक्रिया महत्वपूर्ण होगी। सपा का दावा है कि भाजपा ग्राम पंचायतों के पुनर्गठन और आरक्षण आवंटन में जातीय समीकरणों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर सकती है।

  • आरक्षण का चक्र: 2021 के पंचायत चुनाव में 2015 को आधार वर्ष मानकर आरक्षण तय किया गया था, जैसा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश दिया था। 2026 में भी यही आधार वर्ष लागू हो सकता है। हालांकि, नए परिसीमन के कारण आरक्षण चक्र में बदलाव होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, और महिलाओं को जनगणना के आधार पर 50% तक आरक्षण दिया जाएगा।
  • परिसीमन: सरकार ने ग्राम पंचायतों और राजस्व ग्रामों के पुनर्गठन के लिए जिलाधिकारियों से 5 जून 2025 तक प्रस्ताव मांगे हैं। कई ग्राम पंचायतें शहरी क्षेत्रों में शामिल हो चुकी हैं, जिससे उनका स्वरूप बदल गया है। सपा इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग कर रही है।

पंचायत चुनाव की तारीख और महत्व

पंचायत चुनाव अप्रैल-मई 2026 में होने की संभावना है, हालांकि कुछ सूत्रों ने जनवरी-फरवरी 2026 की भी बात कही है। यह चुनाव 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले “सेमीफाइनल” माना जा रहा है, क्योंकि यह ग्रामीण क्षेत्रों में राजनीतिक दलों की ताकत का आकलन करेगा।

  • पिछला प्रदर्शन: 2021 में जिला पंचायत की 3,050 सीटों में निर्दलीयों ने सबसे ज्यादा 944 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा को 768 और सपा को 595 सीटें मिली थीं। लेकिन जापू अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने 75 में से 67 सीटें हासिल की थीं।
  • सपा का जोर: 2024 के लोकसभा चुनाव में पूर्वांचल में बेहतर प्रदर्शन के बाद सपा ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है।

राज्य निर्वाचन आयोग की तैयारियां

राज्य निर्वाचन आयोग ने भी पंचायत चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

  • मतदाता सूची: जुलाई 2025 से मतदाता सूची के पुनरीक्षण का अभियान शुरू होगा, जो दिसंबर 2025 तक पूरा हो सकता है।
  • मतपेटियां: 67 जिलों में 1.27 लाख मतपेटियों की आपूर्ति के लिए ई-टेंडर जारी किए गए हैं।
  • परिसीमन: बागपत, गोंडा, और अन्य जिलों में परिसीमन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। डीएम की अध्यक्षता में समितियां प्रस्ताव तैयार कर रही हैं।

सामाजिक और राजनीतिक संदर्भ

सपा का मानना है कि भाजपा परिसीमन और आरक्षण में डेटा का दुरुपयोग कर सकती है, खासकर ग्राम पंचायतों के जातीय समीकरणों को बदलकर। सपा ने 2021 में आरक्षण प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए थे, जब हाईकोर्ट ने योगी सरकार की नई आरक्षण नीति को रद्द कर 2015 को आधार वर्ष बनाए रखने का आदेश दिया था।

आगे की रणनीति

  • सपा जिला स्तर पर समन्वय समितियां बनाएगी, जिसमें स्थानीय और वरिष्ठ नेता शामिल होंगे।
  • पार्टी कार्यकर्ताओं को डेटा विश्लेषण और शिकायत दर्ज करने के लिए प्रशिक्षित कर रही है।
  • सपा इंडिया गठबंधन के साथ समन्वय बनाए रखेगी, जैसा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में हुआ था।

सपा की यह रणनीति न केवल पंचायत चुनाव में उसकी स्थिति को मजबूत करेगी, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए भी माहौल बनाएगी।

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