योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चल रहा केस वापस लेगी यूपी सरकार, आदेश जारी

मुख्यमंत्री योगीलखनऊ| यूपीकोका कानून का बिल विधानसभा में पेश करने के ठीक बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चल रहे केस वापस लेने का फैसला किया है. इस बिल का मसौदा पेश होते ही विपक्ष ने मुख्यमंत्री सहित कई नेताओं पर चल रहे मामलों को लेकर कार्रवाई की मांग की थी.

मुख्यमंत्री योगी को राहत

गोरखपुर जिलाधिकारी को जारी आदेश में यूपी सरकार ने योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ल, विधायक शीतल पांडेय और 10 अन्य के खिलाफ 1995 के एक निषेधाज्ञा उल्लंघन मामले में धारा 188 में लगे केस को वापस लेने को कहा है. 20 दिसंबर को गोरखपुर जिला मजिस्ट्रेट को एक पत्र भेज कर यह निर्देश दिया गया है. इसकी पुष्टि गोरखपुर अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) रजनीश चंद्र ने की है.

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आदेश में कहा गया है कि 27 अक्टूबर को जिला मजिस्ट्रेट से प्राप्त पत्र के आधार पर और मामले के तथ्यों की छानबीन के बाद, यूपी सरकार ने इस मामले को वापस लेने का निर्णय लिया है.

यह मामला गोरखपुर के पीपीगंज पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. स्थानीय कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था लेकिन आरोपी कोर्ट में पेश नहीं हुए थे.

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गोरखपुर के अभियोजन अधिकारी बी. डी. मिश्रा ने बताया कि अदालत ने सभी नामों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू का आदेश दिया था लेकिन वारंट जारी नहीं किए गए थे.

क्या था मामला

जिला प्रशासन द्वारा निषेधाज्ञा लागू होने के बाद पीपीगंज शहर में एक बैठक आयोजित हुई थी. इसके चलते पीपीगंज पुलिस स्टेशन में योगी आदित्यनाथ और 14 अन्य लोगों के खिलाफ 27 मई, 1995 को आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया था.

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