बार-बार मुरझा रहा तुलसी का पौधा, यूं लगाएं तभी विराजेंगे स्वयं भगवान विष्णु

अध्यात्म हो या स्वास्थ्य तुलसी की महत्ता अतुलनीय है. तुलसी पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा मानी जाती है. घर में तुलसी लगाने और प्रतिदिन उसकी सेवा करने से मनुष्य के सभी कष्ट मिट जाते हैं. हरी-भरी तुलसी घर में सुख-समृद्धि बढ़ाने वाली और सूखी तुलसी विपत्तियों का संकेत देने वाली मानी गई है.

तुलसी

यह सभी वास्तु दोषों को दूर करती है. लेकिन कभी-कभी तुलसी सूख जाती है या पत्तियां पीली हो जाती हैं. तुलसी लगाने में सावधानियां बरतने पर तुलसी हमेशा हरी-भरी रहेगी.

मौसम

तुलसी किसी भी मौसम में लगाई जा सकती है. लेकिन सितंबर से नवंबर तक का महीना सबसे अच्छा माना जाता है. जब भी नर्सरी या किसी से मांगकर तुलसी का पौधा लगाने के लिए लाते हैं तो वह बिल्कुल नई पौध हो. बहुत बड़ा पौधा नहीं होना चाहिए क्योंकि तब तक उसकी जड़ें विकास कर चुकी होंगी तो चाहे उसे किसी भी प्रकार से लगाएं. पौधे में अच्छा विकास नहीं होगा.

यह भी पढ़ेंः जमीन पर गिरती हैं ये खाने-पीने की चीजें तो समझो आफत आने वाली है

गमला और मिट्टी

मिट्टी का ही गमला लें, सीमेंट आदि का गमला ना लें. मिट्टी के गमले में पौधे ज्यादा अच्छे से बढ़ते हैं. पौधा लगाने के लिए सामान्य मिट्टी लें. पीली मिट्टी से बचें. बालू मिट्टी, दोमट मिट्टी या यमुना के किनारे की काली मिट्टी भी ले सकते हैं.

यह भी पढ़ेंः 19 राशियों वाले करिश्माई कैलेंडर से जानिए… ऐसा होगा आपका भविष्य

कैसे तैयार करें मिट्टी

90 प्रतिशत मिट्टी और 10 प्रतिशत गोबर का खाद लेकर उसे अच्छी तरह मिलाते हुए एकदम भुरभुरा कर लें. अगर पीली या चिकनी मिट्टी हो तो 60 प्रतिशत मिट्टी, 30 प्रतिशत बालू और 10 प्रतिशर गोबर की खाद लें.

कम्पोस्ट खाद भी ले सकते हैं लेकिन रासायनिक खाद ना लें. गोबर की खाद इस्तेमाल करते हुए भी यह ध्यान रखें कि इसे बहुत अधिक मात्रा में इस्तेमाल ना करें. इसके ज्यादा इस्तेमाल से यह पौधे की जड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है और तुलसी नहीं बढ़ेगी.

यह भी पढ़ेंः पैसा-प्रमोशन और मिलेगा सबकुछ, बस रंगों के चुनाव का रखना होगा ध्यान  

रोपण

मिट्टी को गमले में दबाते हुए पूरा भरें. इससे मिट्टी अच्छी तरह बैठ जाएगी और पौधा गिरने से बचेगा. ऊपर तक मिट्टी भरने के बाद इसके बीच एक गहरा छेद बनाएं और उसमें तुलसी का पौधा लगा दें. मिट्टी से उसकी जड़ों को ढंकते हुए फिर से अच्छी प्रकार दबाएं. पानी से गमला भर दें. रोजाना पानी दें और 2 से 3 महीनों तक इसे छाया में ही रखें. इसके बाद हल्की-हल्की धूप लगाएं.

 

LIVE TV