देश में भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए आईसीएसआई ने जारी किया ‘कॉर्पोरेट रिश्वतखोरी रोधी कोड’

भ्रष्टाचार को रोकने के लिएनई दिल्ली। देश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण संस्थागत अभियान शुरू करते हुए इंस्टीट्यूट आफ कंपनी सेक्रेट्रीज आफ इंडिया (आईसीएसआई) ने सोमवार को ‘कॉरपोरेट रिश्वतखोरी रोधी कोड’ एवं ग्राम पंचायत मॉडल गवर्नेस कोड जारी किया। इंस्टीट्यूट ने ‘द कोड’ की पृष्ठभूमि बताते हुए एक किताब भी प्रकाशित की है, जिसमें भारत में भ्रष्टाचार विरोधी उपायों तथा संस्थागत तंत्र से संबंधित कानूनों को रेखांकित किया गया है। आईसीएसआई के प्रेसिडेंट (डॉ.) श्याम अग्रवाल ने कहा, “आईसीएसआई निजी क्षेत्र को स्वेच्छा से ‘कॉपोर्रेट रिश्वतखोरी विरोधी कोड’ अपनाने की प्रेरणा देने के लिए निजी क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। ”

अग्रवाल ने कहा, “आईसीएसआई ने कॉरपोरेट सेक्टर का एक सर्वे किया। इस सर्वे में यह देखा गया कि स्पष्ट दिशानिर्देशों के अभाव में निजी क्षेत्र के पास भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिए एक सुविकसित नीति का अभाव है तथा उनके संस्थानों में रिश्वत फल-फूल रही है। इस पृष्ठभूमि में आईसीएसआई ने इस सेक्टर में रिश्वत की रोकथाम के लिए पहल की है।”

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आईसीएसआई में परिषद सदस्य एवं सरकार द्वारा नामांकित गोपाल कृष्ण अग्रवाल ने कहा, ” ‘कॉर्पोरेट रिश्वतखोरी रोधी कोड’ में क्रियान्वयन और दिशानिर्देशों के अनुदेशों के लिए नौ खंड हैं, जिनमें उपहार, आतिथ्य एवं खर्चो, खरीद प्राप्ति नीति तथा मोर्चा लेने की प्रक्रिया के लिए दिशानिर्देशों पर मॉडल नीतियां हैं। इस कोड में रिश्वतखोरी तथा तृतीय पक्ष को प्रसन्न करने के लिए ‘सुविधा भुगतान’ की रोकथाम के लिए कॉरपोरेट इकाइयों को एक प्रक्रियाबद्ध दृष्टिकोण का प्रारूप दिया गया है।”

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श्याम अग्रवाल ने ग्राम पंचायत की बैठकों के लिए मॉडल गवर्नेस कोड की जानकारी देते हुए कहा, “आईसीएसआई के लक्ष्य एवं उद्देश्य को आगे बढ़ाते हुए हम वैश्विक दृष्टिकोण रखने, स्थानीय स्तर पर काम करने तथा सभी के लिए शासन और सभी के द्वारा शासन में यकीन करते हैं।”

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